संसद के मॉनसून सत्र में किसानों के हित से जुड़े दो विधेयकों को पारित कराने के लिए किसान संगठनों ने हुंकार भरना शुरू कर दिया है... अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की अगुवाइ में किसान संगठनों ने दिल्ली के मंडी हाउस से संसद मार्ग तक मार्च निकाला... प्रदर्शन के दौरान संसद में किसानों के दो बीलों को पारित कराने और सरकार के द्वारा ख़रीफ फसलों पर घोषित एमएसपी का विरोध किया गया... प्रदर्षन में देश के कई राज्यों से आए किसानों ने हिस्सा लिया जिसमें पुरुष, महिला, वृद्ध शामिल हुए... वहीं प्रदर्शन में शामिल ज्यादातर किसान धान की खेती करने वाले थे...
प्रदर्शन में कई राज्यों के किसान शामिल हुए...
सरकार द्वारा घोषित एमएसपी का विरोध दर्ज कराने किसान हजारों की संख्या में दिल्ली पहुंचे थे... प्रदर्शन में प्रमुख तौर पर पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, तमिल नाडु के किसान शामिल थे, जिसमें पुरुष, महिला, बच्चे सभी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया... प्रद्शन में एक 70 वर्षिय किसान ने बताया कि उनका नाम टिकाराम है और वह पंजाब के अमृतसर से आए हैं और वह धान की खेती करते हैं... खेती में हो रही परेशानियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया की धान की खेती में मुनाफा तो दूर कई बार उन्हें लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है, डीजल, बीजली, खाद इत्यादि के दाम बढ़ जाने से भी मुनाफे पर काफी असर पड़ा है... वहीं उत्तर प्रदेश के मेरट जिले से आए एक किसान ने बताया की वह गन्ने की खेती करते हैं... गन्ने की बकाया भुग्तान के बारे में पुछने पर उन्होंने बताया की सरकार तो कहती है की हम गन्ना किसानों का भुगतान 14 से 15 दिन में हो जाना चाहिए लेकिन हमें कभी सही समय पर भुगतान नहीं किया जाता है...
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने कई तरहे के नारे लगाए
लगभग चार किलोमिटर के लंबे प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए किसान एक दूसरे का नारों से हौसला बढ़ाते रहे... किसानों ने कुछ नारे सरकार के खिलाफ लगाए और कुछ नारे किसानों के हित में लगाए...
कौन बनाता हिन्दुस्तान, भारत का मजदूर किसान!
किसान अपना हक मांगते नहीं किसी से भीख मांगते!
देश को आगे बढ़ाना है, किसानों को सशक्त बनाना है!
यह कुछ प्रमुख नारे थे जो किसानों के बीच प्रदर्शन के दौरान गुंजते रहे...
किसान संगठनों के कई नेताओं ने संसद मार्ग पर अपनी बातें रखी
मार्च के बाद संसद मार्ग पर किसान अविश्वास प्रस्ताव सभा का आयोजन हुआ जिसमें किसान संगठन से जुड़े कई नेताओं ने अपनी-अपनी बातें रखी... अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वी.एम. सिंह ने शुरूआत करेत हुए कहा की सरकार देश के किसानों को एमएसपी(न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर धोखा दे रही है... सरकार को किसानों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सी2 फार्मूले पर देना चाहिए था जो उन्होंने नहीं किया, और किसान सरकार के एमएसपी से खुश नहीं है... वहीं उसके बाद योगेंद्र यादव ने भी अपनी बात रखते हुए सरकार पर किसानों के साथ अनदेखी करने के कई आरोप लगाए... उन्होंने कहा की किसान हमारे देश के भिन्न हिस्सा हैं और उनके साथ हो रहे अत्याचारों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा... इसी के साथ उन्होंने कहा कि यह तो एक शुरुआत है और आगे नवंबर में दिल्ली के अंदर पूरे देश के किसानों के द्वारा एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा... वहीं उन्होंने सरकार को एमएसपी पर भी घेरा.....
वहीं इसके बाद किसान संगठन से जुड़े अतुल अंजान, मेधा पटकर, डॉ सुनिलम, राजू शेट्टी, ने भी अपनी बाते रखीं... वहीं कार्यक्रम में किसानों का साथ देने के लिए लोकतांत्रिक जनता दल के मुखिया शरद यादव और आप नेता संजय सिंह भी पहुंचे थे...
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