बिहार में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं. किसानों को कोरोना महामारी से लाभ दिलाने के लिए सरकार ने सतर्कता के साथ किसानों को हर संभव मदद दिलाई है. इस क्रम मे बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब यहां कि सरकार किसानों को सौर उर्जा आधारित कृषि पम्प को प्रोत्साहित करेगी. उन्होंने कहा कि इसका लाभ किसानों को सिधे तौर पर आमदनी के स्वरूप में होगा. सौर उर्जा पैनल से उत्पादित अतिरिक्त बिजली विद्युत कंपनियों को बेचकर किसान अन्नदाता के साथ-साथ उर्जादाता भी बनेंगे.
बीते दिनों मोदी भाजपा किसान मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने सम्मेलन में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के लगभग 1 लाख 42 हजार किसानों को डेडिकेटेड कृषि फीडर द्वारा कृषि कनेक्शन दिया जा चुका है. किसानों को इससे हो रहे फायदे के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि किसानों से प्रति यूनिट 615 रुपये लागत की बिजली के लिए मात्र 65 पैसे लिया जा रहा है और वहीं बाकी की 550 रुपए की राशि सरकार के द्वारा वहन किया जा रहा है.
सुशील मोदी ने किसानों को खेती में आने वाली लागत का जिक्र करते हुए कहा कि डिजल से सिंचाई करने पर किसानों की लागत ज्यादा होती है वहीं अगर किसान बीजली को प्राथमिकता देंगे तो उनकी लागत कम आएगी. उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा डीजल से सिंचाई करने पर एक कट्ठा का खर्च 20 रुपया आता है और वहीं अगर बिजली से एक कट्ठा जमीन की सिंचाई की जाए तो इसका खर्च मात्र 82 पैसा आएगा.
उन्होंने बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहित नीति 2020 पर भी विस्तार से चर्चा किया और इससे किसानों को होने वाले लाभ के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इस नई निति को स्वीकृति देने के साथ ही कृषि व्यवसाय से जुड़े सात क्षेत्रों को काफी लाभ मिलेगा जिसमें मखाना, फल-सब्जियां, शहद, औषधि व सुगंधित पौध, मक्का, चाय व बीज जैसी प्रमुख फसलें शामिल हैं. किसानों को इन सभी के प्रसंस्करण के लिए 25 लाख से 5 करोड़ तक के निवेश पर 15 से 25 प्रतिशत तक पूंजीगत अनुदान व 30 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ ही औद्योगिक प्रोत्साहन नीति-2016 के तहत अन्य लाभ दिए जा सकेंगे.
वर्ष 2019-20 के फसल छति के मुआवजे राशि के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें लगभग 1220 करोड़ रुपए की राशि 33 लाख 71 हजार किसानों को दिया गया है. इसमें प्रति किसानों को औसतन 4,400 रपए दिये गये हैं.
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