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मिट्टी की सेहत से रूबरू होकर मालामाल होंगे पूर्वांचल के किसान

मिट्टी का स्वास्थ्य बना रहना किसानों के लिए काफी लाभदायक है. मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बनाएं रखने के लिए सरकार की तरफ से भी कई तरह के महत्वपूर्ण कदम उठाए जाते हैं. जैसे कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी आदि. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के कई जिलों में 135000 किसानों की मिट्टी का नमूना लेकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया गया है.

KJ Staff
खेतों की मिट्टी का स्वास्थ्य , सांकेतिक तस्वीर
खेतों की मिट्टी का स्वास्थ्य , सांकेतिक तस्वीर

सरकार की मंशा है कि किसान अपने खेतों की मिट्टी का स्वास्थ्य जानकर फसलों को उगाए, ताकि मनमानी ढंग से केमिकल का प्रयोग होने से बचा जा सके. इसके लिए मृदा परीक्षण कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के 10 जिलों में 135000 किसानों की मिट्टी का नमूना लेकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया गया है. 22000 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी कर आजमगढ़ पहले स्थान पर है तो वही 21000 का जारी कर जौनपुर दूसरे स्थान नंबर पर है.

बलिया में 17000 किसानों को इस वर्ष मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया है. इससे किसान मिट्टी की सेहत जानकारी फसलों की प्लानिंग करेंगे. बलिया उत्तर प्रदेश कृषि निदेशक मनीष कुमार सिंह ने कहा कि 17000 मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने का लक्ष्य मिला था. इसे पूरा कर लिया गया है. सभी कार्ड किसानों को बांट दिए गए हैं. किसान इसका उपयोग कर अच्छी पैदावार ले सकते हैं. कृषि विभाग के कृषि विशेषज्ञ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड/Soil Health Card के वितरण डोर टू डोर जाकर करेंगे. यह किसानों को रिपोर्ट के आधार पर जरूरी दिशा निर्देश भी देंगे.

किसान कार्ड से मिली जानकारी का उपयोग रबी की खेती के दौरान कर भी कर सकेंगे. कृषि निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि एक ब्लॉक से 1000 किसान का चयन किया गया है. वही एक गांव से 100 किसानों के खेतों की मिट्टी का नमूना/ Field Soil Sampling लिया था. इसका फायदा मिलने पर संख्या में और बढ़ोतरी की जाएगी. वह वर्ष 2023 व 24 वित्तीय वर्ष में मिट्टी का नमूना लिया गया था.

किसान स्वयं भी रजिस्ट्रेशन करके अपनी मिट्टी की जांच करा सकते हैं. इसके लिए एस एचसी मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करना होगा. दिए गए निर्देशों का पालन करके रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद मिट्टी का नमूना ले जाकर जिला कृषि प्रयोगशाला बलिया में देना होगा. जांच होते ही रिपोर्ट ऐप से ही ऑनलाइन डाउनलोड की जा सकती है. व्यक्तिगत रूप से मिट्टी की जांच करने के लिए 102 रुपए का शुल्क निर्धारित है. मिट्टी का नमूना जिला स्थित प्रयोगशाला में जमा करना होता है.

इस बार जारी स्वास्थ्य कार्ड में पूर्वांचल जिलों में पोषक तत्वों की भारी कमी देखने को मिली है. इसमें नाइट्रोजन 97%, ऑर्गेनिक कार्बन 86%, सल्फर 34%, फास्फोरस 23%, जिंक 33%, आयरन 24% की कमी मिली है.

पूर्वांचल के जिले का स्वास्थ्य कार्ड की संख्या

जिला आजमगढ़ 22000, जिला जौनपुर 21000, जिला बलिया 17000, जिला गाजीपुर 16000, जिला मिर्जापुर 12000, जिला सोनभद्र 10000, जिला भदोही 9, 000, जिला मऊ 9, 000, जिला चंदौली 9000, जिला वाराणसी 8000, यह आंकड़े एस एच जी पोर्टल के अनुसार है.

लेखक:-

रबीन्द्रनाथ चौबे, ब्यूरो चीफ, कृषि जागरण, बलिया, उत्तर प्रदेश

English Summary: Farmers of Purvanchal will become rich by knowing the health of the soil Published on: 22 October 2024, 01:56 PM IST

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