कृषि विकास के क्षेत्र में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) नई ऊंचाइयों को छूते हुए देशभर में सर्वोच्च स्थान पर पहुंच चुका है. कृषि उत्पादन और उसे बढ़ाने के लिए शानदार योजना बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा सात बार प्रतिष्ठित कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त करने के साथ आज मध्य प्रदेश दलहन और तिलहन के उत्पादन (Production of Pulses and Oilseeds) में देश में नंबर एक राज्य होने का दावा करता है.
इतना ही नहीं सोयाबीन और उड़द के उत्पादन (Production of Soybean and Urad) में भी मध्यप्रदेश को शीर्ष स्थान प्राप्त है. जबकि गेहूं, मसूर, मक्का और तिल के उत्पादन में प्रदेश देश भर में दूसरे स्थान पर है.
सिंगल क्लिक के करें भुगतान (Pay with single click)
कृषि के क्षेत्र में विकास और बढ़ोतरी का उत्सव मनाने और प्रदेश के किसानों को और भी सशक्त बनाने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें बैतूल जिले से 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' (Prime Minister Fasal Bima Scheme) के तहत प्रदेश के कृषकों को 49 लाख दावों का 7600 करोड़ रुपये का भुगतान सिंगल क्लिक के माध्यम से किया गया है.
इस कार्यक्रम में क्या हुआ ख़ास (What happened in this program)
बता दें कि कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत कन्या पूजन से की गई थी. कार्यक्रम में वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से जुड़े कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर Agriculture and Farmers Welfare Minister, Shri Narendra Singh Tomar) ने उपस्थित लोगों का अभिवादन करने के बाद कहा कि मध्यप्रदेश के लिए आज एतिहासिक अवसर है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी की हमेशा से ही किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने की नियत रही है. आज पहला मौका है जब इतनी बड़ी फसल बीमा की राशि एक साथ किसानों के खाते में जमा की जा रही है. इस अवसर में एमपी के सीएम और कृषिमंत्री को बधाई देता हूं. विगत 15 वर्षो में शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में खेती-किसानी के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है वह देश के मानचित्र पर उल्लेखित है". उन्होंने आगे कहा कि "प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की 6 प्राथमिकताएं हैं जिसमें गांव, गरीब, किसान, दलित, महिला और नौजवान शामिल हैं. इनकी उन्नति पर ही देश की प्रगति निर्भर है".
श्री तोमर ने कहा कि फसल बीमा योजना का पैसा किसानों को लेने की नौबत न आये, लेकिन अगर फसल पर कोई नुकसान होता है उनके पास एक सुरक्षा कवच होना चाहिए. अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रूपये किसानों को दिए जा चुके हैं. 888 करोड़ रूपए के प्रमीयम के बदले में किसानों को 7600 करोड़ रूपये भरपाई होना एक ऐतिहासिक अवसर है.
कार्यक्रम के अहम बिंदु (Key points of the program)
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वर्ष 2002-03 में सिंचाई का रकबा मात्र 5 लाख हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 43 लाख हेक्टेयर हो चुका है.
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कृषि उत्पादन वर्ष 2004-05 में 2 करोड़ 38 लाख मीट्रिक टन से 2020-2021 में 6 करोड़ 69 मीट्रिक टन हो चुका है.
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बैतूल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में देश में फसल क्षति की सबसे बड़ी सहायता राशि का सिंगल क्लिक के माध्यम से वितरण हुआ.
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि "7618 करोड़ रूपए हमने अभी डाले हैं, लेकिन जब फसलें खराब हुई थी तब राहत राशि के रूप में 2876 करोड़ रूपये की सहायता दी गई थी. यानि 10 हजार 494 करोड़ रूपये अभी तक किसानों को फसल बीमा और राहत राशि के रूप में दिए जा चुके हैं."
मुख्यमंत्री जी ने पिछले 22 महीनों का लेखा-जोखा बताते हुए कहा कि "अब तक किसानों के खातों में 1 लाख 64 हजार 737 करोड़ रुपये अलग-अलग समय और योजनाओं के माध्यम से डाले जा चुके हैं."
कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, बैतूल सांसद दुर्गादास उईके, विधायक डॉ.योगेश पंडारकर, भाजपा जिला अध्यक्ष आदित्य शुक्ल बबला, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज जोशी, किसान मोर्चा अध्यक्ष दर्शन मोर्य, एसीएस-अजीत केसरी के अलावा अन्य कई गणमान्य सदस्य उपस्थित थे.
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