स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय किसान मेला ''पौष्टिक अनाज समृद्ध किसान'' का समापन हो गया. यह मेला 27 से 29 मार्च तक आयोजित किया गया. इस समापन समारोह के मुख्य अतिथि राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला रहें. उन्होंने कहा, कृषि और पशुपालन देश की अर्थव्यवस्था की नींव हैं. अन्नदाता एक किसान का नाम है. देश का किसान जितना समृद्ध होगा, समाज और देश का विकास उतना ही आगे बढ़ेगा. उन्होंने दावा किया कि कृषि हमारी 70% आबादी का हिस्सा है. किसान उत्पादन के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन वे पर्याप्त पैसा नहीं कमा पा रहे हैं.
आपदा प्रबंधन और राहत विभाग के मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा, ऐसे मेले किसानों को नई विधियों और तकनीकों के बारे में शिक्षित करते हैं. उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात कही और किसानों को नई कृषि विधियों का उपयोग करने की सलाह भी दी. उन्होंने किसानों को इससे होने वाले कम लागत के बारे में बताया. मेले में किसानों से बाजरा जैसे मोटे अनाज का अधिक उत्पादन करने और अपने खेती के कार्यों को बागवानी और पशुपालन में विविधता लाने की बात बताई गई.
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरुण कुमार के कहा, तीन दिवसीय मेले में 7000 से अधिक किसानों ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि मेले में सैकड़ों बूथ थे जो विभिन्न कृषि उन्नतियों और तकनीकों को प्रदर्शित कर रहे थे.
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इससे पहले, शिक्षा और आपदा प्रबंधन मंत्रियों ने एक्सपो में स्थापित किए गए कई बूथों का निरीक्षण किया गया था. इस पूरे मेले में आयोजित कई प्रतियोगिताओं के विजेताओं को उपहार भी दिया गया.
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