उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है. खाद ना मिलने की वजह से सूबे के अन्नदाता काफी परेशान हैं और हालात यह है कि कई-कई दिनों तक लाइन में लगने के बाद भी किसानों को जरूरत के मुताबिक खाद मुहैया नहीं हो पा रही है. ऐसे में किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें छा गयी हैं.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के चंदौली क्षेत्र के आस-पास की जगहों पर इन दिनों अच्छी बारिश होने के बाद खेत में लगी फसलों को खाद की जरूरत पड़ रही है, लेकिन किसानों के पास खाद उपलब्ध नहीं है. खाद के लिए सहकारी समितियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन जिले के कई सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं हो रही है. ऐसे में यूरिया की कमी की वजह से किसानों को फसल बर्बाद होने का डर सता रहा है.
किसानों का कहना है कि बारिश होने के बाद फसलों को खाद डालने की आवश्यकता होती है, कुछ दिन पहले सहकारी समितियों पर खाद वितरण हुआ था, लेकिन खाद वितरण सीमित मात्रा में हुआ.
इसे पढ़ें - खाद की कमी को लेकर विपक्ष ने उठाया सरकार पर सवाल, कृषि मंत्री ने किया पलटवार
एक तरफ सरकारी केन्द्रों से किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ निजी खाद के दुकानदार इसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं. वे किसानों को मिलावट वाली खाद दे रहे हैं, साथ ही महंगे कीमत के साथ खाद बेच रहे हैं.
ऐसे में गरीब किसानों के सामने यूरिया के लिए सहकारी समितियों का चक्कर काटने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. बता दें कि खाद का उपयोग फसलों के उत्पादन के लिए बहुत अहम होता है. खाद में कई सारे पोषक तत्त्व होते हैं, जो पौधों को विकास करने के लिए जरुरी खुराक देते हैं.
Share your comments