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किसानों को यहां मिल रहा है फसल व कृषि यंत्र के लिए 5 लाख से 1 करोड़ रु. तक का अनुदान

छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की स्कीमों का लाभ दिया जा रहा है. किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाएं इसके लिए सरकार विशेष योजना भी चलाती रहती है. पिछले कुछ समय से यहां के किसानों में एक बदलाव भी देखा गया है. यहां के किसान परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया करने का प्रयास करते हैं. राज्य के किसानों ने मसाले से लेकर कई प्रकार के फसलों की खेती करके दिखाया है. सिर्फ खेती ही नहीं यहां के किसानों ने मत्स्य पालन, डेयरी उद्योग इत्यादि अन्य चीज़ों की खेती में भी काफी नाम कमाया है.

आदित्य शर्मा

छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की स्कीमों का लाभ दिया जा रहा है. किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाएं इसके लिए सरकार विशेष योजना भी चलाती रहती है. पिछले कुछ समय से यहां के किसानों में एक बदलाव भी देखा गया है. यहां के किसान परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया करने का प्रयास करते हैं. राज्य के किसानों ने मसाले से लेकर कई प्रकार के फसलों की खेती करके दिखाया है. सिर्फ खेती ही नहीं यहां के किसानों ने मत्स्य पालन, डेयरी उद्योग इत्यादि अन्य चीज़ों की खेती में भी काफी नाम कमाया है.

वहीं कवर्धा जिले में उद्यानिकी फसलों को भी अब बड़े पैमाने उद्याननिकी विभाग के द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है. यहां कवर्धा जिले के किसानों के लिए फसल व कृषि यंत्र के लिए 5 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक का अनुदान देने की योजना का प्रारंभ किया जा रहा है. विभाग के अधिकारी ने बताया कि किसानों को इसका लाभ लेने के लिए विभाग में आवेदन करना होगा. इसके साथ ही इस योजना को ‘पहले आओ पहले पाओ’ के तर्ज पर रखा गया है.

इस योजना के लिए ऐसे किसान आवेदन कर सकते हैं जो उद्यानिकी की खेती करना चाहते हैं. उद्यानिकी फसलों में सब्जी, पपीता, आम, नींबू, केला, फूल समेत अन्य कई फसल शामिल हैं. इस जिले की अगर बात करें तो यहां लगभग 27 हजार 595 हजार हेक्टेयर में उद्यानिकी फसलों की खेती की जाती है. यहां जिले में किसानों की संख्या 20 हजार से अधिक है.

इसमें लाभ कि प्रक्रिया यह है कि संबंधिक किसानों को आवेदन करने के बाद अनुदान का लाभ देने एसएलईसी यानि लीड बैंक कमेटी में भेजा जाएगा. यहां आवेदक की आर्थिक स्थिति की जांच की जाएगी. ऐसे आवेदक जो किसी भी बैंक से डिफॉल्टर हैं उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

इस योजना में लागत के अनुसार अधिक्तम अनुदान तय किया गया है. इस योजना के लिए 17 प्रकार के उद्यानिकी फसलों व यंत्रों का चयन किया गया है. इसमें टिशु कल्चर यूनिट, हाईटेक नर्सरी, छोटी नर्सरी, मशरुम उत्पादन इकाई, कोल्ड स्टोरेज समेत फसल व यंत्र शामिल है. इसमें मशरूम की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें इसकी खेती पर 8 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा. जिला स्तर पर इन सभी के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

आदित्य शर्मा

English Summary: Farmers are getting subsidy from 5 lakh to 1 crore rupees for crop and agricultural machinery Published on: 08 September 2020, 06:38 PM IST

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