सोमानी सीड्स के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक के.वी.सोमानी ने दिल्ली स्थित अपने ऑफिस में कृषि जागरण की टीम के साथ मुलाकात की। कृषि जागरण कि टीम आज उन्हें, उनके जन्मदिन पर बधाई देने पहुंची थी। मुलाकात के दौरान के.वी. सोमानी ने किसानों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। देश की वित्तिय स्थिति और किसानों के आर्थिक परिद्दश्य पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों लगभग एक दूसरे से संबद्ध है। उन्होंने कहा कि आधुनिकीकरण के इस दौर में किसानों को भी आधुनिक तरीके से खेती करने में सक्षम होना चाहिए। आज किसानों के लिए देश में कई तरह की योजनाएं और प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं जिसका उन्हें लाभ उठाना चाहिए। वहीं कंपनी के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सोमानी ने कहा कि उनकी कंपनी किसानों की आय और लोगों के जरूरत के अनुसार कई तरह के बीज मुहैय्या करवाती है। इसके साथ ही बीज़ की मदद से किस प्रकार किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है इसके उपर भी प्रयोगशाला में खोज जारी रहती है। वहीं उन्होंने कंपनी द्वारा खोजी गई मूली के कुछ किस्मों की तारीफ करते हुए कहा कि ये किसानों के लिए काफी लाभकारी है।
सोमानी कनक सीड्स प्रइवेट लिमिटेड कंपनी का नाम उन्नत बीजों के निर्माण के लिए जाना जाता है। किसानों को कंपनी द्वारा सब्जियों के कई तरह के अनेक बीज दिए जाते हैं जिससे उनके आय में बढ़ोतरी हो सके। बता दें की देश के कई हिस्से में किसान सोमानी कंपनी के बीज को इस्तेमाल करके अपनी आय बढ़ा रहे हैं। देश में कई सारे ऐसे मंडियां हैं जहां कंपनी के बीज से विकसित सब्जियां धड़ल्ले से बिक रही हैं और उनकी मांग भी काफी अच्छी है। इसके साथ ही किसानों को भी इन बीजों से अच्छी पैदावार मिल रही है और वो इससे काफी खुश हैं।
सोमानी के पास विभिन्न कृषि आधारित उद्योगों में सफल व्यवसायिक नेता के रूप में 35 से अधिक वर्षों का सफल अनुभव है। जिसमें बी के बिड़ला समूह, महिको समूह, सनग्रो सीड्स और कृषिधन जैसी कई नामी कंपनियों के नाम शामिल हैं। उन्होंने 2004 से 2010 के बीच 6 वर्षों के लिए एपीएसए (एशिया-पेसिफिक बीज एसोसिएशन) के कार्यकारी समिति सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2009-2012 के बीच दिल्ली सरकार की बीज परियोजना पर समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है। वहीं अपनी बातों को खत्म करते हुए के.वी.सोमानी ने कहा की देश में लगभग सभी सीड्स कम्पनीज का मुनाफा एक जैसा है और कई कंपनियों को पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष नुकसान भी हुआ है।
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