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भारत-अमेरिका में कृषि व्यापार समझौता, किसान करेंगे डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा का विरोध

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत यात्रा पर आ रहे हैं. ऐसे में देश के किसानों की चिंता बढ़ गई है, वह इसलिए क्योंकि उन्हें डर है कि भारत और अमेरिका में कृषि क्षेत्र को लेकर कोई समझौता न हो जाए. जानकारी मिली है कि डोनाल्ड ट्रंप कृषि क्षेत्र के लिए कम आयात शुल्क पर व्यापार समझौते के लिए आ रहे हैं, जो किसानों के हित के विपरीत जा सकता है. ऐसे में देशभर के किसानों का अनुरोध है कि पीएम नरेंद्र मोदी से अमेरिका के साथ कृषि व्यापार समझौते को लेकर कोई हस्ताक्षर न करें.

कंचन मौर्य
pm modi

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत यात्रा पर आ रहे हैं. ऐसे में देश के किसानों की चिंता बढ़ गई है, वह इसलिए क्योंकि उन्हें डर है कि भारत और अमेरिका में कृषि क्षेत्र को लेकर कोई समझौता न हो जाए. जानकारी मिली है कि डोनाल्ड ट्रंप कृषि क्षेत्र के लिए कम आयात शुल्क पर व्यापार समझौते के लिए आ रहे हैं, जो किसानों के हित के विपरीत जा सकता है. ऐसे में देशभर के किसानों का अनुरोध है कि पीएम नरेंद्र मोदी से अमेरिका के साथ कृषि व्यापार समझौते को लेकर कोई हस्ताक्षर न करें.

किसान करेंगे प्रदर्शन

किसान संगठन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा का जमकर विरोध करने वाले हैं. वह आने वाली 17 फरवरी को एक उग्र प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि यह प्रदर्शन यूपी, मध्यप्रदेश, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में होने वाला है. किसान बड़ी संख्या में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे, साथ ही ज्ञापन भी देंगे.

kisan protest

अमेरिका करना चाहता है व्यापार

जानकारी के मुताबिक, अमेरिका भारत में सेब,पिस्ता, दुग्ध, अखरोट, बादाम, सोयाबीन, गेहूं, मक्का, मुर्गी पालन और आम खपत वाली चीजों को न्यूनतम आयात शुल्क पर निर्यात करना चाहता है, लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि अगर अमेरिका के साथ कोई समझौता होता है, तो यह किसानों के हक पर आघात करना माना जाएगा.

अमेरिका के लिए बड़ा बाजार है भारत

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है. ऐसे में अमेरिका में कृषि उत्पादन बढ़ रहा है और कृषि निर्यात घट रहा है, जिससे अमेरिका के कृषि क्षेत्र पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. बता दें कि अमेरिका का कृषि क्षेत्र निर्यात पर आधारित है. अब अमेरिका अपनी निर्यात आधारित खेती को बचाना चाहता है. इसके लिए वह नए बाजार की तालाश कर रहा है. यही मुख्य वजह है कि अमेरिका भारत के साथ कृषि क्षेत्र को लेकर समझौता करना चाहता है, क्योंकि वह भारत को एक बड़े बाजार के रूप में देखता है.  

fasal

क्या भारत पर अमेरिका दबाव बना रहा है?

जानकारी के मुताबिक, अमेरिका दबाव बना रहा है कि भारत कृषि क्षेत्र में लगभग 42 हजार करोड़ का आयात बहुत कम शुल्क पर करे, जबकि अमेरिका खुद विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) के कृषि नियमों की अनदेखी करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका अपने देश के किसानों के लिए डब्ल्यूटीओ (WTO) के नियमों के खिलाफ़ गया, अमेरिका ने साल 2014-15 में पहले 10 साल के लिए 966 अरब यूएस डॉलर की सब्सिडी दी, इसके बाद साल 2019-20 में 868 अरब यूएस डॉलर की सब्सिडी फिर जारी की.

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English Summary: farmers are disappointed about the india-us agriculture trade deal Published on: 14 February 2020, 03:16 PM IST

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