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MSP पर पराली खरीदेगी यहां की सरकार तो इस जगह पराली जलाने पर नहीं दी जाएगी ‘किसान सम्मान निधि’

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पराली के प्रबंधन को लेकर लिए गए कड़े फ़ैसलों की वजह से सूबे में पराली जलाने की घटनाओं में कमी देखी जा रही है.

मोहम्मद समीर
जो किसान अपने खेत में पराली जलाता है उसे जुर्माना देना पड़ता है.
जो किसान अपने खेत में पराली जलाता है उसे जुर्माना देना पड़ता है.

पराली प्रबंधन को लेकर राज्यों में ज़ुबानी जंग छिड़ी हुई है. आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है. केंद्र का कहना है कि राज्यों को पराली के प्रबंधन के लिए जो फंड दिया गया है राज्य उसे खर्च ही नहीं कर पा रहे हैं. इस बीच हरियाणा से किसानों के लिए अच्छी ख़बर आ रही है .

दरअसल चंडीगढ़ के कृषि और खाद्य प्रौद्योगिकी मेले में आए हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि, प्रदेश सरकार पराली के प्रबंधन के लिए एमएसपी (MSP) यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की पराली ख़रीदने की योजना बना रही है.” कृषि मंत्री ने आगे कहा, “पराली प्रबंधन के लिए सरकार बेहतर पहल कर रही है. कृषको को 80 हज़ार सुपर सीडर मशीनें दी गई हैं और दूसरे उपकरण जल्द दिए जाएंगे.

मंत्री ने कहा कि पराली जलाने की जो प्रथा है उस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार राज्य के किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दे रही है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने एक कमेटी बनाई है जो पराली के इस्तेमाल के लिए उद्योगों की स्थापना का विकल्प देख रही है जिससे कि हर फ़सल अवशेष का किसानों को पैसा मिल सके.

कड़ा फ़ैसला-

अभी तक हमने बात की हरियाणा की और अब बात करते हैं यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) की जहां एक बड़ा और सख़्त फ़ैसला लिया गया है. जो किसान खेत में पराली जलाएगा उसे मिलने वाली कृषि विभाग से समस्त सम्मान निधि ख़त्म कर दी जाएगी. ग़ौरतलब है कि यूपी सरकार द्वारा पराली के प्रबंधन को लेकर लिए गए कड़े फ़ैसलों की वजह से ही राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में कमी देखी जा रही है. यहां पहले के मुक़ाबले 38 फ़ीसदी कम पराली जलाई गई है. पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है जिसे देखते हुए गोरखपुर में प्रशासन ने ये क़दम उठाया है.

जुर्माना भी लगता है-

जो किसान अपने खेत में पराली जलाता है उसे जुर्माना देना पड़ता है. एक एकड़ ज़मीन में पराली जलाने के लिए 2500 रुपये और एक एकड़ से ज़्यादा के लिए 5000 रुपये अर्थदंड किसानों को देना होता है.  सरकार ने पराली के प्रबंधन को लेकर जो फ़ैसले किए हैं उन्हीं का नतीजा है कि पराली जलाने के मामलों में कमी देखी जा रही है. किसान पहले जुर्माने से डरते थे और अब उन्हें डर है कि कहीं कृषि विभाग से मिलने वाले आर्थिक लाभ पर भी पाबंदी न लग जाए.

ये भी पढ़ें- खेत की पराली को आग में नही, धन में बदलिए

राजस्थान-पंजाब में बढ़ रही हैं पराली जलाने की घटनाएं: मंत्री

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले साल के मुक़ाबले इस साल अक्टूबर में राजस्थान में पराली जलाने (Stubble Burning) की घटनाओं में 160 फ़ीसदी तो पंजाब में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. अपने बयान में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Minister Jitendra Singh) ने कहा कि इसका ये मतलब है कि दोनों प्रदेशों की सरकारें पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए ज़रूरी कोशिश नहीं कर रही हैं.  

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
English Summary: farmer will not get samman nidhi if they burn stubble in field Published on: 07 November 2022, 12:19 PM IST

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