पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले के अंडाल ब्लाक में 20 एकड़ जमीन पर एक निजी बड़ी कंपनी केवेंटर के सहयोग से सुखा फल नारियल और खजूर समेत केला, पपिता व अन्य फलों की वाणिज्यिक रूप खेती करने की तैयारी रही है। ममता बनर्जी की सरकार ने ‘माटीर सृष्टि’ योजना के तहत राज्य में जो खाली पड़ी 50 हजार एकड़ भूमि को कृषि क्षेत्र दायरे में लाने की योजना पर काम रही है उसका सुफल बहुत जल्द देखने को मिलेगा। ग्रामीणों को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के लिए वाणिज्यिक रूप से फलों की खेती शुरू करने के अतिरक्त मत्स्य पालन और पोल्ट्री को भी बढ़ावा दिया जाएगा। निजी कंपनी केवेंटर 20 एकड़ क्षेत्र में सरकार की माटीर सृष्टि योजना के तहत वाणिज्यिक खेती शुरू करने में अग्रणी भूमिका निभाएगी। कंपनी मत्स्य पालन के साथ यहां पोलट्री फार्म भी खोलेगी।
अतिरिक्त जिलाधिकारी सुभेंदू बसु ने एक जून से आनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही जिला में व्यवसायिक गतिविधियां तेज करने के लिए अंडाल में 20 एकड़ जमीन में व्यापक रूप से वाणिज्यिक खेती करने के लिए परियोजना का शिलान्यास किया। इस मौके पर पंचायत प्रधान और बीडीओ समेत अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। अंडाल के बीडीओ ऋतिक हाजरा के मुताबिक 20 एकड़ भूमि पर फल समेत व्यापक रूप से वाणिज्यिक कृषि होगी। अरब देशों के उच्च प्रजाति के 500 खजूर पेड़ और केरल के उच्च गुणवत्ता वाले 500 नारियल वृक्ष लगाएं जाएंगे। इसके अतिरक्त 4000 केले के पौधे, 600 कटहल के वृक्ष और 3 हजार नीम के पेड़ लगेंगे। 600 पपिता के पौधे और अमरूद के बगान भी लगाएं जाएंगे।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक अंडाल एयरपोर्ट से विदेशों में कृषि उत्पाद को निर्यात करने को ध्यान में रखकर यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। निजी संस्था का अंडाल एयरपोर्ट वाणिज्यिक रूप से जब चालू हो जाएगा तो अंडाल में 20 एकड़ में पैदा होने वाले कृषि उत्पाद को यहां से सीधे विदेशों में भेजना आसान होगा। एयरपोर्ट के नजदिक ही खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए एक विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ भी सरकार की बातचीत चल रही है। कुल मिलाकर अंडाल में 20 एकड़ क्षेत्र में व्यापाक पैमाने पर वाणिज्यिक खेती शुरू होने पर ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग्राम बांग्ला में कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पिछले माह मई में ही ‘माटीर सृष्टि’ योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 50 हजार एकड़ खाली पड़ी भूमि को कृषि क्षेत्र में परिणत कर उस पर खेती व अन्य कृषि कार्य किया जाना है। ममता सरकार ने दावा किया है कि इस नई कृषि योजना से राज्य में ढाई लाख किसान व खेतीहर मजदूर लाभान्वित होंगे। करीब साढ़े छह हजार एकड़ खाली पड़ी जमीन पर कृषि संबंधी साढ़े पांच हजार माइक्रो प्रोजेक्ट पहले ही तैयार किए गए है जिसको मूर्त रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ममता ने इसे कृषि क्षेत्र में नवजागरण पैदा करने वाला ‘जय बंग्ला’ प्रोजेक्ट करार दिया है। इसलिए कि इन क्षेत्रों में अधिकांश बंजर भूमि को भी उपजाऊ बनाने की योजना सफल होगी। राज्य में पश्चिमांचल क्षेत्र के नाम से मशहूर छह जिलों बांकुड़ा, पुरूलिया, वीरभूम, झाड़ग्राम, बर्दवान व पश्चिम मेदिनीपुर में माटिर सृष्टी योजना पर चरणबद्ध रूप से काम शुरू होगा। माटीर सृष्टि योजना के तहत पश्चिमांचल के 50 हजारक एकड़ क्षेत्र में कृषि के अतिरिक्त बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन आदि ग्रामीण उद्योग धंधे विकसित किए जाएंगे। किसानों के लिए भी 10- 20 एकड़ जमीन में विभिन्न तरह की कृषि आधारित योजनाएं शुरू की जाएगीं। परियोजना को मूर्त रूप देने में किसाना सहकारिता समिति और स्वयं सहायात समूह भी समान रूप से भागीदारी होगी। इन क्षेत्रों में कृषि उत्पाद के विपणन में सहकारी समितियों और स्वयं सहायता समूहों को समान रूप से अवसर मिलेगा। राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों के मुताबिक विश्वबैंक के सहयोग से राज्य सरकार ने इसके लिए संबंधित जिलों को 5 हजार करोड़ रुपए का फंड उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिलाधिकारियों के मार्फत माटीर सृष्टि योजना को मूर्त दिया जाएगा।
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