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रमेश रामचंद्रन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख कृष-ई-कृषि उपकरण क्षेत्र, एम एंड एम लिमिटेड के साथ विशेष बातचीत

ट्रैक्टर कंपनी महिंद्रा ने किसानों के लिए ब्रांड कृष-ई लॉन्च किया है. इसका उद्देश्य किसानों को कृषि संबंधी महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करना है.

रवींद्र यादव
रमेश रामचंद्रन
रमेश रामचंद्रन

महिंद्रा कंपनी के ट्रैक्टर और उपकरणों की विशेषताओं के कारण इसका नाम हर किसान की जुबां पर हैं. इसी कड़ी में महिंद्रा ने किसानों के लिए लॉन्च किया है ब्रांड कृष-ई. जो किसानों के लिए बहुत लाभकारी हैं. कृषि जागरण के साथ एक विशेष चर्चा में, रमेश रामचंद्रन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख कृष-ई- कृषि उपकरण क्षेत्र, एम एंड एम लिमिटेड ने अपने कृष-ई ब्रांड, इसकी स्थापना तथा उद्देश्य के बारे में बातचीत की और बताया कि- कैसे यह किसानों को कृषि संबंधी महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान खोजने में मदद कर रहा है? पेश है किसानों के लिए लाभकारी इस बातचीत के विशेष अंश-

महिंद्रा द्वारा लॉन्च किए गए ब्रांड कृष-ई का उद्देश्य क्या है, और इसके द्वारा किसानों और अन्य हितधारकों की आय में सुधार कैसे संभव है?

कृष-ई किसानों और अन्य हितधारकों की आय में सुधार के उद्देश्य से महिंद्रा द्वारा शुरू किया गया एक ब्रांड है. इस ब्रांड के तीन घटकों में सलाह, किराए पर लेना और प्रयुक्त ट्रैक्टर/उपकरण शामिल हैं. तीनों का उद्देश्य, एक साथ राजस्व पैदा करते हुए सकारात्मक प्रभाव पैदा करना है.

किराये पर देने (रेंटल सेगमेंट) के सम्बन्ध में यदि बात करें तो, कृष-ई उन कृषि उपकरणों के मालिकों को जो अपनी संपत्ति किराए पर दे रहे हैं, लक्षित करने के लिए उन्नत तकनीक और आइओटी समाधानों को प्रस्तुत करता है. कृषि उपकरणों के मालिकों को प्राप्त होने वाले लाभ पर आइओटी समाधानों का विशेष प्रभाव पड़ता है, इसी कारण यह एक लोकप्रिय विकल्प बन जाता है. कृष-ई का उद्देश्य पुराने ट्रैक्टर बाजार में, ट्रैक्टरों और उपकरणों की खरीदी और बिक्री को व्यवस्थित करना और मूल्य संवर्धन करना हैं.  हालांकि यह मॉडल अभी भी डिजाइन चरण में है.

कृष-ई का सलाह देने संबंधित विभाग (एडवाइजरी सेगमेंट) एक अद्वितीय फिजिटल मॉडल पर काम करता है, जिसमें किसानों के साथ सीधे खेत में काम किया जाता है और साथ ही एक सलाह प्रदान करने सम्बंधित ऐप (कृष-ई ऐप) के माध्यम से किसानों की सहायता की जाती है. कृष-ई किसानों के साथ कृषि विज्ञान और मशीनीकरण प्रक्रियाओं के संयोजन से फसल के मौसम में एक एकड़ भूखंड (तकनीक भूखंड) पर काम करता है. इस दृष्टिकोण का किसानों की आय पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, उनकी आय में विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न फसलों के लिए 5,000 से 15,000 रुपये प्रति एकड़ तक की वृद्धि हुई है.

तकनीक भूखंड हस्तक्षेप को एक आंतरिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से फैलाया जाता है और कब्जा कर लिया जाता है. इससे  आय में वृद्धि को स्थानीय अधिकारियों द्वारा मान्यता प्राप्त होती है. कृष-ई ऐप के माध्यम से जमीनी स्तर पर डिजिटल प्रवर्धन गतिविधियां की जाती हैं. इस ऐप का उपयोग करके गांवों और आसपास के किसानों को प्रोत्साहित करके, समान प्रथाओं को अपनाकर समान लाभ प्राप्त करने के लिए सहायता की जाती हैं.

Mahindra Showroom
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कृष-ए स्मार्ट किट क्या है और यह भारत में किसानों के बीच मशीनीकरण की कमी को दूर करने में कैसे मदद करता है?

कृष-ई स्मार्ट किट एक समाधान है, जो मशीनें एवं कृषि उपकरणों को किराए पर देने के पारिस्थितिक तंत्र को व्यवस्थित करता है. अनुमानित रूप से देश में 120 मिलियन ट्रैक्टर उपयोगकर्ता किसानों के होने के बावजूद केवल 10 मिलियन किसानों के पास ही अपने ट्रैक्टर हैं. यह छोटा समूह देश के कई किसानों को अपनी मशीनें किराए पर देता है. हमारा अनुमान है कि लगभग 3 मिलियन ट्रैक्टर मालिक किसान हैं, जो 80 से 100 मिलियन किसानों को मशीनीकरण की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने उपकरण किराए पर देते हैं.

कृष-ई स्मार्ट किट, मशीनें एवं कृषि उपकरणों को किराएं पर देने वाले इन 3 मिलियन व्यवसायियों (रेंटल एंटरप्रेन्योर्स-आरई) को लक्षित करके, उन्हें इस प्लेटफॉर्म से जोड़ता है. कृष-ई का उद्देश्य रेंटल इकोसिस्टम के आपूर्ति पक्ष को व्यवस्थित करना है. कृष-ए स्मार्ट किट एक प्लग एंड प्ले आईओटी किट है, जो ब्रांड एग्नॉस्टिक है और इसे किसी भी ट्रैक्टर से जोड़ा जा सकता है. किट मालिक को कृष-ई रेंटल पार्टनर ऐप के माध्यम से ट्रैक्टर के स्थान, माइलेज, ईंधन के उपयोग, यात्राओं की संख्या, रकबा(एकड़) और अन्य व्यावसायिक गणनाओं (मेट्रिक्स) का पता लगाने में सक्षम बनाता है. इनमें से 25,000 से अधिक किट भारत में स्थापित किए गए हैं और कृष-ई एशिया के साथ-साथ अफ्रीका के अन्य देशों में भी विस्तार करने की योजना बना रहा है. इस ऐप का बहुत अधिक उपयोग किया जाता है और इस ऐप पर सीजन के समय में 85% लोगों द्वारा प्रतिदिन औसतन 55-60 मिनट समय व्यतीत किया जाता हैं. इस समाधान ने मशीनें एवं कृषि उपकरणों को किराएं पर देने वाले उद्यमियों के जीवन को बदल दिया है और इसकी छः महीने की मुफ्त सदस्यता अवधि की समाप्ति के बाद पुनः सदस्यता लेने की दर 70% हो चुकी है.

Smart kit
Smart kit

आपके अनुसार, कृष-ई किट का मूल्य लगभग 5000 रुपये है। स्मार्ट किट का उपयोग करने के पश्चात, किसानों के विकास का प्रतिशत क्या है?

हमारा अनुमान है कि किसानों (आरई) की प्रति सीजन आय में लगभग 15-20,000 रुपये की वृद्धि हुई हैं. इन आरई के लिए लगभग 10-30% आय वृद्धि उनके व्यवसाय के आकार और पैमाने पर और जिन विशिष्ट किराये के संचालन पर वे ध्यान केंद्रित करते हैं उन पर निर्भर है.

प्रति एकड़ औसतन लागत क्या है, किसान के लिए लागत मूल्य  क्या है?

किसानों के खर्चों को बीज (अनाज के लिए 15 से 20% और गन्ना और आलू के लिए 30 से 35%), पोषण (20-25%) और फसल देखभाल रसायन (15-20%) इन भागों में विभाजित किया जा सकता हैं.

कृष-ई सलाह में, मशीनीकरण और 4R - सही समय, सही जगह, सही खुराक और सही विधि के दृष्टिकोण के माध्यम से लागत अनुकूलन पर ध्यान देने के साथ कृषि विज्ञान हस्तक्षेप शामिल हैं.

हमारे सलाह-आधारित मॉडल में हम किसानों को मुफ्त सलाह देते हैं और उनके साथ अद्वितीय रिश्ता कायम रखते हैं। हमारे सलाह आधारित मॉडल में कृषि विज्ञान के साथ-साथ मशीनीकरण भी शामिल है। हमारी सलाह को अपनाने के पश्चात किसान जिन उत्पादों और सेवाओं का उपयोग करते हैं, उनका मुद्रीकरण करना हमारा लक्ष्य है.

कृष-ई स्मार्ट किट, उपयोगकर्ता किसानों के लिए किस प्रकार लाभकारी हैं?

मशीनें एवं कृषि उपकरणों को किराएं पर देने वाले उद्यमियों के लिए, सटीक एकड़ अनुमान, सटीक डीजल-स्तर के अनुमान और उच्च गुणवत्ता वाले ट्रिप रिप्ले से प्राप्त मूल्य बहुत अधिक हैं. इन सुविधाओं को कॉपी करना आसान नहीं है और ये विशेषताएं  अद्वितीय संपीड़न प्रौद्योगिकी (आईपी) के साथ-साथ लाखों घंटे और लाखों एकड़ के संचालन डेटा के द्वारा मजबूत एल्गोरिदम द्वारा संचालित है. हमारे प्रौद्योगिकी भागीदारों कार्नोट प्रौद्योगिकी द्वारा विकसित इन सुविधाओं का मूल्य बहुत अधिक है. अगर किसान को रकबे या डीजल के अनुमान पर भरोसा नहीं है, तो वे खरीदी या फिर सदस्यता नहीं लेंगे.

कार्नोट टेक्नोलॉजीज स्वतंत्र रूप से संचालित स्टार्ट-अप है जिसमें एम एंड एम ने निवेश किया है. ये उत्पाद में सुधार कर रहा है और शीघ्र  ही आरई को लाभ पहुंचाने वाली सुविधाओं को शामिल करने वाला है.

कृष-ई ऐप कितने लोगों ने डाउनलोड किया है?

हमारे कृष-ई किसान ऐप के वर्तमान में लगभग 45000 उपयोगकर्ता हैं। हम डाउनलोड बढ़ाने के लिए पैसे खर्च करने में विश्वास नहीं करते हैं. हमारे द्वारा ऐप उपयोगकर्ताओं के लिए एक उच्च गुणवत्ता वाली सलाह के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा हैं और  ऑन-ग्राउंड गतिविधियों और मौखिक प्रचार के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है.

English Summary: Exclusive conversation with Ramesh Ramachandran, Senior Vice President & Head Krish-e-Agriculture Equipment Sector, M&M Ltd. Published on: 20 April 2023, 02:07 PM IST

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