अ.भा. विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित एग्रीविजन का समापन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में हुआ. यहां तोमर ने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र की मजबूत बुनियाद के कारण न तो इसकी हस्ती कभी मिटी है, ना ही आने वाले कल में इसे कोई मिटा पाएगा.
महामारी के दौर में भी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की विशेष अनुमतियों से कृषि क्षेत्र निरंतर काम करता रहा. किसी भी विपरीत परिस्थिति में सब-कुछ थमने पर भी भारतीय कृषि सीना तानकर खड़ी रहेगी. हम सब को कृषि के प्रति अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी को समझना, गांव-कृषि पर गौरव करना चाहिए.
कृषि के प्रति हर तरह के नकारात्मक भाव बाहर निकाले
केंद्रीय मंत्री तोमर (Union Minister Tomar) ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है, कोई भी देश अपनी प्रधानता की अनदेखी करने पर अपेक्षित विकास नहीं कर सकता. किसी भी देश की प्रगति तभी होती है जब उसके प्रधान क्षेत्र का महत्व समझकर कार्य किया जाएं. तोमर ने कहा कि जिस किसी को भी खेती आती है तो उसे इस क्षेत्र में अपनी योग्यता का परिचय देना चाहिए. उन्होंने आह्वान किया कि हमारी कृषि व्यवस्था व इसके गौरव से सभी लोग जुड़े रहे और युवा पीढ़ी के मन से कृषि के प्रति हर तरह के नकारात्मक भाव बाहर निकाल दिए जाएं.
तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएं, इसमें नई तकनीक का प्रवेश हो, नया निवेश आएं, किसानों को अच्छा मुनाफा हो और यह क्षेत्र इतना सक्षम-संपन्न हो कि भारत की महारत सारी दुनिया में हो, इसके लिए कई योजनाएं व कार्यक्रम आरंभ किए हैं. इनके माध्यम से कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाया जा रहा है. पहले कृषि की ग्रोथ इसलिए नहीं हुई क्योंकि निवेश के लिए आज की तरह दरवाजे नहीं खोले गए, लेकिन अब एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष सहित आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रु. से ज्यादा के विशेष पैकेजों से कृषि क्षेत्र का समग्र विकास किया जा रहा है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Prime Minister Kisan Samman Nidhi), किसान ड्रोन जैसे उपायों के साथ तेजी से काम किया जा रहा है. कृषि को प्राकृतिक खेती (natural farming) की ओर डायवर्ट करने की सरकार की कोशिश है ताकि कृषि के साथ ही देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकें. उन्होंने बताया कि अभी तक 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र प्राकृतिक खेती के तहत कवर किया गया है. इस साल के आम बजट में, पवित्र गंगा नदी के दोनों किनारों पर 5 किलोमीटर के दायरे में मिशन मोड पर प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रावधान किया गया है.
कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आज हमारा देश कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, जिसका मुख्य कारण सरकार की नीतियां है. उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे कृषि क्षेत्र की और तेजी से प्रगति के लिए नई तकनीकों का साथ लें व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में भी योगदान दें. उन्होंने स्टार्टअप्स की सराहना करते हुए कहा कि वे बेहतर प्रयोगों से कृषि विकास में मदद दे रहे हैं एवं किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने है.
केंद्रीय कृषि वि.वि., इम्फाल के कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डीडीजी डा. ए.के. सिंह, एग्रीविजन की राष्ट्रीय सलाहकार समिति के प्रमुख डा. रघुराज किशोर तिवारी, अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह तोमर, क्षेत्रीय संगठन मंत्री (रांची) निखिल रंजन ने भी संबोधित किया. डा. अमित कुमार गोस्वामी ने अतिथि परिचय दिया. आभार प्रदर्शन शुभम सिंह पटेल ने किया.
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