कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि अभी पंचायत स्तर पर कृषि यंत्र बैंक स्थापित किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में सभी पंचायतों में कृषि यंत्र बैंक होगा। गांव के किसानों के समूह को सामूहिक कृषि यंत्र बैंक पर 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। 2022 तक किसानों की आय दोगुना हो जाएगी। बिजली से सिंचाई के लिए अलग फीडर की स्थापना की जा रही है। नवंबर 2017 से इसकी शुरुआत नौबतपुर प्रखंड से हो चुकी है। तीन वर्षों में पूरे राज्य में अगल फीडर होगा।
मंत्री ने कहा किसानों को मौसम, वर्षा आदि की जानकारी के लिए प्रखंड स्तर पर टेलीमेट्रिक वेदर स्टेशन और पंचायत स्तर पर वर्षा मापक यंत्र लगाए जा रहे है। 2017-18 में पायलट प्रोजेक्ट से पूर्वी चंपारण, सुपौल, नालंदा, गया और अरवल में स्थापित किया जा रहा है। बीएयू के तहत एक कृषि व्यवसाय प्रबंधन कॉलेज, एक कृषि अभियांत्रिकी कॉलेज, एक खाद्य विज्ञान व प्रौद्योगिकी महाविद्यालय और एक जैव प्रौद्योगिकी कॉलेज की स्थापना के लिए आवश्यक राशि का भी प्रावधान किया जा रहा है। गया, मुजफ्फरपुर व पूर्वी चंपारण में कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि मक्का फसल में दाना नहीं आने की हर शिकायत की जांच होगी और जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार किसानों के नुकसान की भरपाई करेगी। गुरुवार को वे विधानसभा में भाजपा के तारकिशोर प्रसाद के सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों ने कुछ जगहों पर जांच में ये पाया है कि समय पर बुआई नहीं होने के कारण मक्का फसल में दाने नहीं आए हैं। हालांकि पूरे राज्य में इस तरह की समस्या की बात उठाते हुए विपक्ष ने सदन की कमेटी से जांच करने की मांग की जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया। वहीं नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने भाजपा के विजय कुमार खेमका के प्रश्न पर कहा कि राज्य में कम लागत, कम खर्च और कम प्रदूषण वाले मात्र 100 किलो लकड़ी से ही शव का संस्कार संपन्न कर देने वाली नई तकनीक के शवदाह गृहों की व्यवस्था की जा रही है।
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