जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण में हो रहे बदलाव आज की एक बहुत बड़ी समस्या है. पहले यह मुद्दा सिर्फ सेमिनार हॉल तक ही सीमित था, लेकिन अब ये हमें अपने रोज़मर्रा के जीवन में महसूस होने लगा है, चाहे वह बढ़ते तापमान के रूप में हो या फिर वन्य जीवों की कम हो रही प्रजाति के रूप में.
लेकिन ख़ुशी की बात ये है कि आज की युवा पीड़ी के साथ-साथ इस मुद्दे को दुनिया की तमाम सरकारें गंभीरता से ले रही हैं और उसे अमल में भी ला रही हैं. इसी गंभीरता का परिचय देते केंद्र सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय ने एक कार्ययोजना तैयार की है. जिसके तहत केंद्र सरकार द्वारा इच्छुक युवाओं को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में एक साल तक काम करने का मौका दिया जाएगा और साथ ही उन्हें आर्थिक सहायता भी दी जाएगी.
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद युवाओं को मंत्रालय द्वारा एक सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा जिसमें संबंधित युवा के कामकाज की स्थिति की सभी जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी. प्रशिक्षण के लिए मंत्रालय ने 22 क्षेत्रों का चुनाव किया है. इनमें प्रमुख क्षेत्रों में वन्य क्षेत्र, पर्यावरण परिवर्तन, पर्यावरण कानून, सार्वजनिक वित्त प्रबंधन, वन क्षेत्र, जीव और भौतिक विज्ञान आदि शामिल हैं.
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मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश
इस कार्ययोजन के संबंध में पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारी एस पी सिंह ने कुछ आदेश जारी किये हैं जो कि इस प्रकार हैं
• कोई भी व्यक्ति एक साल में एक ही बार प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेगा और यह प्रशिक्षण तीन महीने की समयसीमा से अधिक नहीं बढ़ाया जाएगा.
• प्रशिक्षण के लिए एमएससी और पीजीडीएम आइआइएफएम को प्राथमिकता दी जाएगी.
• प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को सरकार द्वारा 10 हजार रुपए प्रति माह दिए जाएंगे.
• प्रशिक्षण लेने के बाद युवाओं को एक रिपोर्ट मंत्रालय में जमा करनी होगी.
• प्रशिक्षण के लिए छात्र को अपने कॉलेज से इजाज़त लेनी होगी.
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