Makka ki kheti: मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी कई तरह के महत्वपूर्ण कदम उठाती रहती है. केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता कम करने और किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बनाई है. इसके तहत एथेनॉल ब्लेंडिंग पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के माध्यम से पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य 2025 तक पूरा करना है. वर्तमान में, 12% एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. मक्का आधारित एथेनॉल उत्पादन से किसानों की आय को नया स्रोत मिलेगा और देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी.
मक्का से एथेनॉल उत्पादन पर फोकस
गन्ना और चावल की खेती में पानी की अधिक खपत को देखते हुए सरकार मक्का से एथेनॉल बनाने पर जोर दे रही है. मक्का कम पानी में उगाई जाने वाली फसल है, जिससे यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है. इसी उद्देश्य से "एथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि" प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसे भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) संचालित कर रहा है.
मक्का उत्पादन बढ़ाने की पहल
इस प्रोजेक्ट के तहत किसानों को उच्च पैदावार वाले बीज, प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से मक्का की खेती के प्रति प्रेरित किया जा रहा है.
- खरीफ सीजन: 788 एकड़ में मक्का की खेती की गई और 20 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 425 किसानों को जागरूक किया गया.
- रबी सीजन: 720 एकड़ का लक्ष्य था, जिसमें 672 एकड़ में मक्का की बुवाई हुई. 35 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 897 किसानों ने भाग लिया.
एथेनॉल उत्पादन में मक्का का योगदान
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष लगभग 60 लाख टन मक्का का उपयोग एथेनॉल उत्पादन में हुआ. 2024-25 के एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) के लिए 837 करोड़ लीटर एथेनॉल आवंटित किया गया है, जिसमें मक्का की हिस्सेदारी 51.52% (लगभग 431.1 करोड़ लीटर) रही.
किसानों के लिए फायदेमंद योजना
इस योजना के तहत किसानों को मक्का की खेती से बेहतर लाभ मिलने की संभावना है. प्रोजेक्ट के अंतर्गत जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने किसानों को इस फसल की खेती की तकनीकों और फायदे के प्रति प्रेरित किया है.
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