खाद्य तेलों की कीमतों (Edible oils prices) में हमेशा ही उतार-चढ़ाव बना रहता है. ऐसे में देश के नागरिकों के लिए राहत भरी खबर आयी है. जी हां, खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय (Food Secretary Sudhanshu Pandey) ने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए एक राहत भरी खबर है. दरअसल, रुचि सोया और अदानी विल्मर सहित प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों (Major edible oil companies including Ruchi Soya and Adani Wilmar) ने सरकार द्वारा उठाए गए उपायों के बाद अपने उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में लगभग 15-20% की कमी की है.
खाद्य तेलों में हुई कमी (Edible oil shortage)
श्री पांडेय ने कहा कि "खाद्य तेल की कीमतें कुछ समय के लिए एक चिंता का विषय रहा है और सरकार द्वारा बहुत सक्रिय उपायों और तेल उद्योग के साथ बैठकों के बाद, एक बहुत ही गंभीर और महत्वपूर्ण कमी की गयी है."
इन इंडस्ट्री के जिलों में आयी गिरावट (The fall in the oils of these industries)
रुचि सोया इंडस्ट्रीज (Ruchi Soya Industries) ने विभिन्न तेलों पर खुदरा कीमतों में ₹14-₹30 प्रति लीटर की कमी की है. बंज इंडिया (Bunge India) ने ₹10-₹20 की रेंज में कीमतें कम की हैं. अदानी विल्मर (Adani Wilmar), जो फॉर्च्यून ब्रांड को बेचती है उन्होंने तेल की कीमतों में ₹40 तक कमी की है और इफको अल्लाना (IFFCO Allana) ने ₹35 तक की कमी की थी.
शुन्य शुल्क (Zero duty charge)
श्री पांडेय ने आगे कहा कि "जब आप आयात घटक पर लगभग 60% निर्भर होते हैं, तो घरेलू कीमतें स्वाभाविक रूप से अंतरराष्ट्रीय कीमतों से प्रभावित होती हैं. भारत सरकार ने जो किया वह खाद्य तेलों के मामले में शुल्क को लगभग शून्य करने के लिए किया था. जिसने तेल के ब्रांडों में कीमतों में उल्लेखनीय कमी दिखाई है".
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कितने डॉलर का हुआ अंतर (How many difference of dollars)
उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार पाम तेल (Palm oil), सोयाबीन तेल (Soybean oil) और सूरजमुखी तेल (Sunflower oil) के साथ अन्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतें लगभग 1,300 डॉलर प्रति टन के समान दायरे में हैं. पाम तेल, सोयाबीन और सूरजमुखी और अन्य तेल की कीमतों के बीच लगभग $ 300-400 का अंतर हुआ करता था.
अन्य चीज़ों के भी घाटे दाम (Loss price of other things)
बता दें कि इस समय तेलों के साथ चावल और गेहूं और दालों की कीमतें स्थिर हो गई हैं साथ ही सब्जियां जैसे प्याज, आलू और टमाटर की कीमतों में भी कमी आई है.
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