नई दिल्ली। देशभर में नवरात्रि का पर्व अपने हर्षोल्लास के साथ शुरू हो चुका है। इसीलिए दुर्गापूजा के लिए प्रसिद्ध माने जाने वाले पश्चिम बंगाल में कमल के फूल की मांग काफी बढ़ गई है। चूंकि नवारात्रि के दिनों में कमल फूल की मांग की आपूर्ति नहीं होंने से इनकी कीमत आसमान पर पहुंच जाती है। लेकिन इस बार कमल के फूल का व्यवसाय करने वालों ने एक अलग ही नायाब तरीकों को भी अपनाया है और फूल को कोल्ड स्टोरेज में भंडारण करने का कार्य भी शुरू कर दिया है। चूंकि अब नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है तो व्यापारियों ने कोल्ड स्टोरेज में रखे हुए कमल के फूल को निकालने का कार्य शुरू कर दिया है। दरअसल बंगाल सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में आलू, प्याज, टमाटर आदि की फसल को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए बड़ी मात्रा में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कार्य को शुरू करवाया है। अब इन स्टोरेज में रखे कमल के फूलों को इस्तेमाल बड़े पैमाने पर दुर्गा पूजा के दौरान मां पर चढ़ाए जाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कमल के फूलों को संरक्षित करके रखने में किया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि राज्य के फूल उत्पादक किसानों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ और उनको राहत मिली है।
राज्य में कृषि विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक विज्ञप्ति में ये जानकारी दी गई है। इसमें यह बताया गया है कि मां दुर्गा की पूजा के लिए विशेष तौर पर कमल के फूलों को चढ़ाया जाता है। दरअसल खास बात यह है कि इन फूलों को एक बार पानी से तोड़ लेने के बाद इनको 24 घंटोंं से अधिक समय तक बचाकर रखना संभव नहीं हो पाता है। क्योंकि थोड़ी सी गर्मी में भी ये फूल हाल ही में मुरझा जाते है। कोल्ड स्टोरेज इनको बचाने में काफी मददगार साबित हो रहे है। बता दे कि किसानों ने 50 लाख कमल के फूलों को कोल्ड स्टोरेज में रखा है जो कि पूजा के समय पर इनको स्टोरेज से निकालकर देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ ही राज्यभर में इनको पहुंचाने का कार्य तेजी से करेंगे।
कृषि जागरण, किशन अग्रवाल
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