देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की सबसे ज्यादा मार किसानों पर दिख रहा है. बता दें, देश की जितनी भी बड़ी मंडियां हैं, सब बंद पड़ी हैं. तो किसान अब अपने फसल को बेचे तो कहां बेचे. इतना ही नहीं, अब तो राजस्थान सरकार ने सरसों, चना और गेहूं की फसल की समर्थन मूल्य पर खरीद अग्रिम आदेश तक रोक दी है. बता दें इस समय किसानों की सभी फसलें लगभग पक गई हैं. अगर किसान इन फसलों को बेचेगा नहीं तो वह कर्ज कैसे (क्योंकि राज्य के अधिकतर किसान ऋण लेकर खेती करते हैं) चुकाएगा. अगर समय पर कर्ज नहीं चुकाएगा तो ब्याजदर ज्यादा लगेगी. बता दें राज्य का किसान पहले से ही बेमौसम बारिश और ओलों की मार झेल रहा है, अब फसलों की बिक्री पर रोक लगाना किसानों के लिए चिंता का बिषय हो गया है.
बता दें, कोरोना वायरस संक्रमण के कारण राजस्थान में 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित है. जिसके चलते सभी गतिविधियां ठप हैं. सार्वजनिक परिवहन पर रोक है. वहीं समर्थन मूल्य पर दलहन और तिलहन तथा गेहूं की खरीद पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी गई है.
बता दें राजस्थान में कोटा संभाग में गेहूं की खरीद 15 मार्च से ही शुरू कर दी गई थी. इसके अलावा फसल जैसे सरसों व चना की खरीद भी कोटा संभाग में 16 मार्च से शुरू हो गई थी. किसानों के लिए इस प्रकार की सभी सुविधाएं अन्य जिलों में 1 अप्रैल से शुरू होने वाली थीं लेकिन सरकार ने इस पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है. बता दें, गेहूं की खरीद राज्य में भारतीय खाद्य निगम द्वारा की जाती है. सरसों व चने की खरीद राजस्थान सरकार की सहकारी संस्था राजफैड के माध्यम से की जाती है. अब कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इस खरीद प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है.
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