‘होत बिरवान के चिकने पात’। जी हां, यह उक्ति उन्हीं सफल व्यक्तियों पर कही गयी है जो सफलता के शिखर को छूने के लिए अथक परिश्रम करने से नहीं चूकते हैं। डॉ.विमल चंद्र बिस्वास भी उन्हीं शख्सियतों में से एक हैं जो बढ़ती उम्र व कठिनाईयों को दरकिरनार कर सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं।
हाल ही में डॉ. बिस्वास को ‘इंडिया इंटरनेशलन फ्रेंडशिप सोसाइटी’ द्वारा राष्ट्रीय गौरव सम्मान से नवाजा गया है। दिल्ली स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ में आयोजित एक समारोह के दौरान उन्हें यह पुरस्कार दिया गया। डॉ. बिस्वास वर्तमान में कृषि जागरण पब्लिकेशन ग्रुप में बतौर तकनीकी संपादक अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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