1. Home
  2. ख़बरें

कृषि विश्वविद्यालयों के लिए 40 प्रतिशत अतिरिक्त धन मंजूर

कृषि और कृषक कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि खेती के क्षेत्र में खुशहाली लाने की दिशा में सबसे बड़ी चुनौतियों में छोटी जोतों का उत्पादन बढ़ाना, खेती की लागत में कमी लाना और उत्पादकता बनाए रखना शामिल है।कृषि मंत्री ने नई दिल्ली में विद्यार्थी कल्याण न्यास, भोपाल और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा, नई दिल्ली द्वारा आयोजित एक सेमीनार को संबोधित करते हुए बताया

 कृषि और कृषक कल्याण मंत्री  राधा मोहन सिंह ने  कहा है कि खेती के क्षेत्र में खुशहाली लाने की दिशा में सबसे बड़ी चुनौतियों में छोटी जोतों का उत्पादन बढ़ाना, खेती की लागत में कमी लाना और उत्पादकता बनाए रखना शामिल है।कृषि मंत्री ने  नई दिल्ली में विद्यार्थी कल्याण न्यास, भोपाल और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा, नई दिल्ली द्वारा आयोजित एक सेमीनार को संबोधित करते हुए बताया की  इस अवसर पर  डा. त्रिलोचन महापात्र, निदेशक आईएआरआई- डा. एके सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), डा. जे कुमार, डीन कालेज आफ एग्रीकल्चर  पंत नगर, एनसी गौतम, कुलपति एनजीसीजीवी, चित्रकूट और प्रोफेसर एएमएल पाठक, कुलपति डीयूवीएएसयू, मथुरा उपस्थित थे।

कृषि और कृषक कल्याण मंत्री ने कहा कि खेती के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती छोटी जोतों को लाभकारी बनाना और ग्रामीण युवाओं को खेती कार्यों में संलग्न करने की है। उन्होंने कहा कि यह कार्य कठिन है, लेकिन असंभव नहीं है। श्री सिंह ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड कार्यक्रम को समुचित रूप से लागू करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें उर्वरकों के सही इस्तेमाल के बारे में किसानों को जागरूक बनाने की आवश्यकता है, ताकि वे भूमि की उर्वरता बनाए रखते हुए उत्पादन में वृद्धि कर सकें। उन्होंने कहा कि 11 करोड़ मृदा कार्ड वितरित करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अभी तक हम केवल 6 करोड़ मदा कार्ड जारी कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2015 में प्रत्येक खेत तक पानी पहुंचाने और प्रति बूंद अधिक जल इस्तेमाल में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारंभ की थी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने में वर्षा जल के प्रबंधन और जल संरक्षण से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हम समेकित खेती प्रणाली को बढ़ावा दे रहे हैं, ताकि बागवानी, पशुपालन, कृषि वानिकी और अन्य मिश्रित खेती प्रणालियों के जरिए किसानों की आय में बढ़ोतरी की जा सके।

उन्होंने कहा कि पांचवीं डीन समिति की की सिफारिशों के अनुसार कृषि पाठ्यक्रमों में सुधार किया गया है। उन्होंने कहा कि खेती व्यापार में युवाओं को संलग्न करने के लिए विद्यार्थी रेडी (ग्रामीण उद्यमशीलता जागरूकता विकास योजना)  कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत दी जाने वाली स्कालरशिप  एक हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ा कर 3000 रुपये प्रति माह कर दी गई है। इन सभी प्रयासों के फलस्वरूप आईसीएआर के अंतर्गत कालेजों में दाखिलों में 17 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

English Summary: 40% additional funds approved for agricultural universities Published on: 27 August 2017, 03:19 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News