
पशुपालन और डेयरी विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने और दूध उत्पादन में सुधार करने के लिए एक नई तकनीक की शुरुआत की है, जिसे “सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक” कहा जाता है. इस तकनीक से कृत्रिम गर्भाधान के दौरान लगभग 90% मादा यानी बछिया पैदा होती हैं. आमतौर पर सामान्य गर्भाधान से 50-50 प्रतिशत नर और मादा बच्चे होते हैं, लेकिन इस तकनीक से बछिया पैदा होने की संभावना कहीं ज्यादा है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान उन्नत नस्ल की गाय पाल सकते हैं, जो अधिक दूध देती हैं.
इससे दूध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय तीन से पांच साल में कई गुना तक बढ़ सकती है. खास बात यह है कि इस तकनीक का खर्च बहुत कम है. मात्र ₹100 में किसान इसका लाभ उठा सकते हैं. यही कारण है कि यह तकनीक किसानों के लिए बहुत फायदेमंद और आसान साबित हो रही है.
सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक क्या है?
यह तकनीक असल में कृत्रिम गर्भाधान का एक आधुनिक तरीका है. इसमें सीमेन (वीर्य) को इस तरह से तैयार किया जाता है कि उससे पैदा होने वाली संतान में लगभग 90% संभावना मादा यानी बछिया की होती है. इससे किसान अधिक दूध देने वाली गायें-भैंसें पाल सकते हैं. आजकल कृषि में नर बछड़े का उपयोग कम होता है और यह अक्सर किसानों पर बोझ बन जाते हैं, इसलिए यह तकनीक किसानों की असली समस्या का समाधान है.
किसानों के लिए फायदे
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आय में वृद्धि - अधिक दूध उत्पादन से सीधे किसानों की कमाई बढ़ती है.
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उन्नत नस्ल की गायें - अच्छे नस्ल की बछिया मिलने से भविष्य में दूध उत्पादन और बेहतर होगा.
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कम लागत, ज्यादा फायदा - मात्र ₹100 में यह सुविधा उपलब्ध है, जिससे हर किसान इसका लाभ उठा सकता है.
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आर्थिक मजबूती - बछिया पैदा होने से पशुपालन टिकाऊ और लाभकारी बनता है.
सेवा कैसे लें?
किसान अपनी गाय-भैंस के हिट में आने पर नजदीकी पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय, पशु उपकेंद्र या पशु चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, मोबाइल वेटरनरी यूनिट “पशुधन संजीवनी 1962” पर कॉल करके घर पर भी सेवा मंगाई जा सकती है. ग्राम पंचायतों में प्रशिक्षित गौ-सेवक, मैत्री कार्यकर्ता और कृत्रिम गर्भाधान करने वाले निजी डॉक्टर भी यह सुविधा किसानों तक पहुंचा रहे हैं.
सही समय पर कृत्रिम गर्भाधान क्यों जरूरी?
जब पशु हिट में आता है, तो उसे बांधकर रखना चाहिए.
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यदि सुबह हिट आती है, तो शाम को गर्भाधान कराना चाहिए.
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यदि रात में हिट आती है, तो अगले दिन सुबह से दोपहर तक गर्भाधान करवाना जरूरी है.
समय पर गर्भाधान कराने से तकनीक का अधिकतम लाभ मिलता है और बछिया पैदा होने की संभावना और बढ़ जाती है.
क्यों जरूरी है यह तकनीक?
पहले की सामान्य तकनीक से पैदा हुए नर बछड़े किसानों के लिए ज्यादा उपयोगी नहीं होते थे और अक्सर बोझ साबित होते थे. दूसरी ओर, बछिया पालने से दूध उत्पादन बढ़ता है और किसानों को नियमित आय मिलती है. इस तकनीक से न सिर्फ किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि देश में दूध उत्पादन भी बड़े पैमाने पर बढ़ेगा.
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