कभी-कभी भारत में कुछ ऐसा हो जाता है, जिसका सीधा असर विदेशों में पड़ता है. वजह साफ है, सभी का सरोकार एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है. इस बीच भारत में भी कुछ ऐसा हुआ, जिसके चलते विदेशों में भारतीय प्याज की मांग बढ़ गई, लेकिन भारत सरकार ऐसा कतई नहीं चाहती की विदेशों में भारतीय प्याज की मांग बढ़े. आखिरकार भारत में ऐसा क्या हुआ है, जिसके चलते बढ़ गए विदेशों में प्याज की मांग?
बताएंगे आपको सब कुछ लेकिन उससे पहले हम आपको बताते चले कि विगत एक माह से भारतीय उपभोक्ता प्याज की बढ़ती कीमतों से त्राही-त्राही कर रहे थे, लेकिन अब रबी सीजन के नजदीक आने के बाद प्याज की आवक में वृद्धि होने के बाद से इनके दाम में गिरावट दर्ज की जा रही है, जिसके चलते उपभोक्ता राहत की सांस तो ले रहे हैं, लेकिन इस बीच विदेशों में भारतीय प्याज की मांग बढ़ गई है.
जानें, प्याज के दाम
वहीं, प्याज के दाम की बात करें तो आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव सोमवार को 7.50 रुपये से 22.50 रुपये प्रति किलो था. वहीं, प्याज की सबसे बड़ी मंडियों की फेहरिस्त में शुमार महाराष्ट्र की प्याज मंडी में प्याज के दाम में 13 से 15 रूपए किलोग्राम पर बिक रहा है. बहरहाल, अब आगे चलकर प्याज के दाम क्या रूख अख्तियार करते हैं. य़ह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
क्या कहते हैं आजादपुर मंडी के व्यापारी
उधर, आजादपुर मंडी के पोटैटो ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन राजेश शर्मा इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए कहते हैं कि विगत एक माह से प्याज के दाम घटकर अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए हैं, जिसके चलते अब हमारे यहां प्याज के निर्यात पर जोर दिया जा रहा है.
सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगाई थी पाबंदी
वहीं, विदेशों में बढ़ते प्याज के मांग को मद्देनजर रखते हुए सरकार इसके निर्यात पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है. सरकार इसलिए ऐसा कर रही है, ताकि घरेलू बाजार में असंतुलन की स्थिति पैदा न हो जाए, इसलिए सरकार यह कदम उठा रही है. बता दें कि इससे पहले भी सरकार, भारत से हो रहे प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाने के लिए इस तरह की कदम उठा चुकी है.
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