देश में पिछले कुछ दिनों से बढ़ती महंगाई ने लोगों की जेब पर गहरा असर डाला है, लेकिन वहीं देशभर में तेल-तिलहन कीमतों पर लगातार गिरावट को भी दर्ज किया गया है. बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में तेल-तिलहनों की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए खाद्य तेल के स्टाक पर लगाम लगाई है.
वहीं, अब देश में खाद्य तेल की कीमतों में एक बार फिर से कमी की गई है. सूत्रों का कहना है कि देश में दिन पर दिन घरेलू के साथ-साथ बाजार में कारोबारी की मांग घटने के कारण भी तेल-तिलहन की कीमतों में गिरावट का एक मुख्य कारण हो सकता है.
बाजार में तेल-तिलहन के दाम (oil and oilseeds price in the market)
- मिली जानकारी के मुताबिक, मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड की कीमतों(Prices of Groundnut Solvent Refined) में पिछली कीमतों के मुकाबले करीब 10 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई है. ठीक इसी प्रकार से देखा जाए तो सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज की कीमत (Soybean Grain and Soybean Loose Price) बाजार में 7625 रुपए से 7675 रूपए और 7325 रुपए से 7425 रुपए प्रति क्विंटल पर जाकर रुक गए है.
- अगर हम बात करें दिल्ली और इंदौर शहर में सोयाबीन तेल(soybean oil) की तो वहां भी तेल की कीमतों में करीब 400 रूपए, 250 रूपए और 200 रुपए तक की गिरावट को दर्ज किया गया है.
- अगर हम कच्चे पाम तेल (सीपीओ) की कीमत लगभग 300 रुपए घटकर अब 13800 रुपए क्विंटल रह गई है.
- वहीं अगर हम देखे कि बाजार में सप्ताहांत के बाद मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड में करीब 10 रूपए तक की गिरावट देखी गई है. बाजार में मूंगफली सॉल्वेंट की कीमत(price of peanut solvent) भी लगभग 2570 से 2760 रूपए प्रति टिन पर बंद हो गया है.
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देश में रोजगार के नए अवसर (new employment opportunities in the country)
इस विषय में सरकार का कहना है कि कि देश में तेल-तिलहन उत्पादन (oilseeds production) पर अधिक ध्यान देना होगा, जिससे देश आत्मनिर्भर के साथ सशक्त बन सके.
ऐसा करने से हमारी विदेशी मुद्रा में बढ़ोत्तरी होगी और साथ ही सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपा व रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे. इसके अलावा देश के किसान भाइयों की भी आय बढ़ेगी.
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