मसाले और खाने में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटी पर गठित कोडेक्स समिति (सीसीएससीएच) ने लौंग, ओरगैनो, तुलसी और अदरक के लिए गुणवत्ता मानकों को अंतिम रूप देकर उसे लागू करने के लिए सिफारिश कर दी है. समिति का पांचवा सत्र 20-29 अप्रैल 2021 को वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया. जहां पर मानक तय किए गए हैं. समिति ने इन 4 मसालों के लिए अंतिम 8 चरण में बनाए गए नए मानक को कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन के पास अंतिम मंजूरी और उसको लागू करने के लिए भेज दिया है. जिससे पूर्ण रुप से कोडेक्स मानक तैयार हो जाएं.
इस सत्र में सीसीएससीएच 5 ने आम सहमति से 4 ड्रॉफ्ट मानकों को कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन के पास अंतिम रूप से कोडेक्स मानक के रूप में लागू करने के लिए भेज दिया है : जिसके तहत सूखे लौंग, ओरेगेनो, तुलसी और अदरक शामिल हैं. ये मानक पहले अपनाए गए अन्य चार मानकों की श्रेणी में जल्द ही शामिल हो जाएंगे, जिससे विश्व मसाला व्यापार की इकाई के लिए और सदस्य देशों द्वारा अपने राष्ट्रीय नियमों के अनुसार मानकों को तैयार कर सकें.
समिति ने निम्नलिखित नई वस्तुओं पर भी विचार किया है. इसके तहत छोटी इलायची और हल्दी के लिए कोडेक्स मानकों को विकसित करना और 'सूखे फल और जामुन' श्रेणी के अंतर्गत आने वाले मसालों के लिए पहला समूह मानक विकसित करना है. मसालों और जड़ी-बूटियों की मांगों को पूरा करने के लिए समिति द्वारा बड़े पैमाने पर समूहीकरण का नजरिया एक अग्रणी प्रयास होगा. ऐसा करने से मसालों के मानकों को अंतिम रूप देने में लगने वाले समय में कमी आ सकती है.
इस सत्र से कई व्यावहारिक पहलुओं और सर्वोत्तम तरीकों का विकास हुआ है. ऐसी उम्मीद है कि कोडेक्स बिरादरी के अन्य मेजबान देशों को भावी कोडेक्स समिति सत्रों को कुशलतापूर्वक आयोजित करने में मदद मिलेगी. इस बार समिति के 5वें सत्र को कोविड -19 महामारी के कारण पहली बार वर्चुअल माध्यम में आयोजित किया गया.
मासाल बोर्ड के सचिव और आईएफएस डी. सत्यन ने भारत में हुए इस वर्चुअल सत्र के जरिए कोडेक्स के तहत तकनीकी सम्मेलनों को नए तरीके से पेश किया है. क्योंकि पहली बार कोडेक्स कमोडिटी कमेटी की बैठक इस तरह हुई. सीसीएससीएच के तहत आयोजक सचिव के रुप में भारतीय मसाला बोर्ड ने काफी प्रसन्नता व्यक्त की. 4 और मसालों के लिए मानकों को अंतिम रूप देकर नवीनतम सत्र ने एक अभूतपूर्व सफलता पाई है. इसके अलावा सीसीएससीएच के वर्तमान सत्र में 65 सदस्य देश, एक सदस्य संगठन (यूरोपीय संघ) और 11 अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक संगठनों के 275 प्रतिभागियों ने भाग लिया जो अभी तक कि अधिकतम भागीदारी है.
इससे पहले, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की अध्यक्ष और सेवानिवृत्त आईएएस सुश्री रीता तेवतिया ने 20 अप्रैल 2021 को सीसीएससीएच के 5 वें संस्करण का उद्घाटन किया.
सीसीएसीएच कोडेक्स कमोडिटी समितियों में सबसे नई है. समिति भारत की अध्यक्षता में है और मसाला बोर्ड भारत इसका सचिवालय है. इस समिति को उपभोक्ता संरक्षण और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं के कोडेक्स सिद्धांतों के अनुसार, दुनिया भर में मसाले और खाने-पीने में इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों के लिए विज्ञान-आधारित गुणवत्ता मानकों को तैयार करने का अधिकार दिया गया है. डॉ एम आर सुदर्शन समिति के वर्तमान अध्यक्ष हैं.
आम तौर पर समिति की बैठकें 18 महीने में एक बार होती हैं. सीसीएससीएच की अंतिम बैठक 2019 में त्रिवेंद्रम में आयोजित की गई थी. अपने पिछले चार सत्रों में, समिति ने चार मसालों के लिए कोडेक्स मानकों को विकसित और अंतिम रूप दिया. इसके तहत काली / सफेद / हरी मिर्च, जीरा, अजवायन के फूल, और सूखे लहसुन के मानक तैयार किए गए.
क्या है सीसीएससीएच?
मसाले और खाने-पीने की जड़ी बूटियों के लिए दुनिया भर में मानकों का विकास और विस्तार करने के लिए, और मानकों के विकास की प्रक्रिया में अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ परामर्श करने के लिए 2013 में सीसीएससीएच का गठन भारत के साथ 100 से अधिक देशों के समर्थन के साथ किया गया था. भारत मेजबान देश है और उसका मसाला बोर्ड सचिवालय के रूप में समिति के विभिन्न सत्रों का आयोजन करता है.
क्या है सीएसी?
1963 में स्थापित कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन (सीएसी) संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक अंतर-सरकारी निकाय है. जो खाद्य व्यापार में बेहतर मानक सुनिश्चित करने और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए संयुक्त खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के ढांचे के तहत स्थापित हुआ है.
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