चीन ने भारत से कृषि निर्यात बढ़ाने की इच्छा जताई है. इसके लिए सरसों और सोयामील के आयात में इजाफा किया जायेगा. शुक्रवार को जी-20 शिखर सम्मलेन के इतर द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम नरेंद्र मोदी से यह बात कही.
दुनिया की 20 प्रमुख शक्तियों की इस बैठक में भाग लेने गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल विदेश सचिव विजय गोखले ने दोनों राष्ट्रप्रमुखों के बीच हुई बातचीत के बारे में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चीनी प्रमुख ने कृषि के अलावा दवाइयों और मेडिकल संबंधी उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने की बात कही है.
विदेश सचिव ने बताया कि श्री मोदी और जिनपिंग के बीच कई अहम रणनीतिक मुद्दों पर बातचीत हुई. आर्थिक मामलों पर बात करते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि वह भारत से चीनी(शुगर) और चावल का आयात बढ़ाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही चीन को बड़ी मात्रा में सरसों और सोयाबीन का निर्यात किया जा सकता है.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग के बीच इस साल की यह चौथी आपसी मुलाकात है. सीमा विवाद को लेकर पिछले साल हुए सैन्य गतिरोध के चलते दोनों देशों के बीच के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. जानकारों का कहना है कि मोदी और जिनपिंग की यह मुलाकात दोनों देशों के बीच जमी उस बर्फ को पिघलाने की दिशा में हो रही साझा कोशिशों का ही हिस्सा है.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' ने दोनों राष्ट्राध्यक्षों की इस मुलाकात की खबर को प्रमुखता दी है. शिनपिंग के बयान का हवाला देते हुए एजेंसी ने लिखा है कि विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंधों में मजबूती आ रही है. एजेंसी ने लिखा है कि शिनपिंग ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और सयुंक्त रूप से निवेश को बढ़ाने की दिशा में काम करने की जरुरत है.
बताते चलें कि दोनों देशों के बीच कृषि निर्यात को आसान बनाने के लिए भारतीय वाणिज्य मंत्रालय और छह सदस्यीय चीनी प्रतिनिधि मण्डल ने बुधवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत बीजिंग को भारत से आयतित मछली और उसके तेल की जाँच करने की अनुमति मिल गई है. यह एशियाई देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक भरोसे को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक न्यूज़ एजेंसी को दिए बयान में कहा है कि दोनों देशों के बीच लगातार सुधरते रिश्तों से कारोबार करने की स्थितियां अनुकूल हुई हैं. ऐसे में चीन को भारत में डेयरी उत्पाद, सेब और नाशपाती के निर्यात बढ़ने की उम्मीद है. गौरतलब है कि भारत ने चीन से आयतित सेब में पेस्टीसाइड पाए जाने के बाद इसके आयात को प्रतिबंधित कर दिया था. जवाब में चीन ने खुरपका और मुहँपका रोगों के चलते भारतीय भैंस के मांस की खरीद पर रोक लगा दी थी.
रोहिताश चौधरी, कृषि जागरण
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