छत्तीसगढ़ के करतला ब्लॉक में किसान काजू के साथ -साथ अब दशहरी आम के उत्पादन में भी काफी ज्यादा आगे आ चुके है। किसान इस तरह की बागवानी करके ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने का कार्य कर रहे है। यहां पर किसानों ने 5 साल पहले ही 900 एकड़ में 22 हजार 500 से ज्यादा पौधे लगाए थे। अब इन सभी आमों का उत्पादन कार्य शुरू हो चुका है। इनमें एक पेड़ में 14 से 20 किलो तक आम का उत्पादन हो रहा है. जोकि उत्पादन के लिहाज से काफी बेहतर माना जा रहा है। किसानों के इस तरह आम के उत्पादन के जरिए 35 से 40 हजार रूपये की अच्छी कमाई हो जाती है। वही पर रसायन मुक्त पैदावर के लिए अभी से रायपुर से लेकर नागपुर तक डिमांड आने लगी है पहले यहां के किसान स्थानीय बाजार के साथ ही बिलासपुर और जांजगीर चंपा जिले में खपा देते थे। यहां पर जैसे ही पैदावार बढ़ोगी वैसे ही आम का उत्पादन भी काफी बेहतर ही होगा। इस साल आम का उत्पादन 15000 क्विंटल तक का अनुमान है।
नाबार्ड ने शुरू किया काम
पीडिया के लाखन सिंह राठिया के मुताबिक, 5 साल पहले जब नाबार्ड ने क्षेत्र में बाड़ी विकास कार्यक्रम की शुरूआत की थी। इसमें काफी ज्यादा सफलता की संभावना थी। यहां की बंजर भूमि में पहले किसान बारिश के समय में तिलहन, दलहन का छिड़काव कर देते थे। इसमें बारिश हो जाने पर आसानी से बेहतर फसल मिल जाती थी। सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि दलहन, तिलहन का छिड़काव कर देते थे। इसी बंजर भूमि में अब आसानी से नींबू, काजू के पौधे लग रहे है। किसान ने बाड़ी में 25 आम के पौधे लगाने का कार्य किया है, जिसकी अच्छे से देखरेख करने से उसमें अच्छे से फल लगने भी शुरू हो गए है। शुरूआत में उसी पेड़ से 70 से 80 किलो तक एतक बाड़ी तक उत्पादन होता था। किसान कहते है कि वह आम को पकाने के लिए किसी भी तरह से रायासनिक खाद का प्रयोग नहीं करते है।
दशहरी के साथ ही अल्फांसों व लगड़ा आम
किसान का कहना है कि उन्होंने सबसे पहले दशहरी आम के पौधे लगाने का कार्य किया है। इसके बाद कुछ ही मात्रा में अलफांसों और लगड़ा आम भी काफी ज्यादा आ चुका है। फिलहाल दशहरी की सबसे ज्यादा पैदावार हो रही है। शुरूआत में जब इसकी खेती शुरू हुई थी तो इसकी मात्रा काफी कम ही थी। अब यह खेती के धीरे-धीरे बढ़ जाने से विपणन संस्था के जरिए आम को बाजार तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है। आने वाले समय में आम की पैदावार में तेजी से बढ़ोतरी होगी। किसान इस तरह से आम की पैदावार को करके असानी से 35 से 40 हजार रूपये सलाना कमा सकते है। शुरूआत में वह इससे 10 से 15 हजार रूपये कमा पाते थे। उसके बाद वह आम के साथ नींबू की पैदावार भी करने लगे है। यह क्षेत्र आम की पैदावार के लिए जाना जाएगा। यहां भी किसान सहकारी समिति के माध्यम के मार्केटिंग भी करने लगे है।
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