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टेबल टेनिस की यह छोटी-सी टेबल और हल्की-सी गेंद बड़े-बड़े सपने गढ़ने और पूरे करने का माध्यम है – डॉ. राजाराम त्रिपाठी
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ऋषभ जैन, दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित, टेबल टेनिस के द्रोणाचार्य कहलाते हैं और इस आयोजन के मुख्य सूत्रधार रहे.
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टेबल टेनिस दुनिया का सबसे तेज़ रैकेट खेल है, जहाँ गेंद की गति 100 किमी प्रति घंटा तक पहुँच सकती है.
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कोंडागांव अब कला और हर्बल राजधानी के साथ-साथ प्रदेश की खेल राजधानी बनने की राह पर है.
कोंडागांव की धरती 19 सितंबर से तीन दिनों तक छत्तीसगढ़ राज्य रैंकिंग टेबल टेनिस चैम्पियनशिप-2025 की गूंज से सराबोर रहेगी. इस राज्य स्तरीय आयोजन में प्रदेश के कोने-कोने से आए 250 से अधिक चयनित खिलाड़ी अपनी प्रतिभा, अनुशासन और संघर्ष की ऊर्जा का प्रदर्शन करेंगे.
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात कृषक वैज्ञानिक डॉ. राजाराम त्रिपाठी (दंतेश्वरी हर्बल) ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा, "खेल ही जीवन की असली पाठशाला है, जहाँ हार भी सिखाती है और जीत भी सँवारती है. टेबल टेनिस ऐसा अनूठा खेल है, जिसमें हाथ, आँख और मस्तिष्क तीनों का अद्भुत समन्वय आवश्यक होता है, और यही सूत्र जीवन के हर क्षेत्र की सफलता का आधार है. यह टेबल भले ही छोटी हो और इसकी गेंद हल्की व छोटी सी हो, पर इसके जरिये बड़े-बड़े सपने गढ़े जाते हैं और पूरे भी होते हैं."
इस अवसर पर नगर के सम्मानित कारोबारी एवं मुस्लिम समाज के प्रमुख मोहम्मद यासीन विशेष रूप से उपस्थित रहे. मंच पर इस आयोजन के सूत्रधार और मुख्य शिल्पकार दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से अलंकृत टेबल टेनिस के द्रोणाचार्य कहे जाने वाले ऋषभ जैन, अंचल के प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. दीपक सेठिया, मुख्य रेफरी प्रवीण जोशी, डिप्टी रेफरी अजीत बनर्जी एवं डी.एन. मजूमदार, व प्रेमराज जाचक जी गरिमामयी उपस्थिति में रहे.

डॉ. त्रिपाठी ने अपने संबोधन में ऋषभ जैन के अथक परिश्रम और दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा, "आज यह साबित हो गया है कि एक अच्छा खिलाड़ी जीवन के हर क्षेत्र में-एक अच्छा पुत्र, अच्छा भाई, अच्छा मित्र और देश का अच्छा नागरिक भी बनता है."
उन्होंने मंच से जिले के मीडिया प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि, "ऐसे आयोजन हमारे बच्चों को खेलों से जोड़ने, अनुशासन सिखाने और उन्हें अच्छा नागरिक बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए मीडिया को चाहिए कि इन सकारात्मक आयोजनों को पर्याप्त स्थान और उचित कवरेज दे."

नवनिर्मित केंद्रीय विद्यालय, कोंडागांव के प्राचार्य और उनकी पूरी टीम द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थान और सहयोग के प्रति आयोजकों ने आभार व्यक्त किया.
अगले तीन दिनों (19 से 21 सितम्बर) तक कोंडागांव में पिंग-पोंग की गूंज सुनाई देगी. यहाँ से नए सितारे उभरेंगे, कुछ खिताब जीतेंगे और कुछ जीवन भर के अमूल्य सबक लेकर लौटेंगे. यही तो खेल का असली सौंदर्य है.
कोंडागांव अब तक प्रदेश की कला राजधानी और हर्बल राजधानी के रूप में पहचाना जाता रहा है, किंतु हाल के वर्षों में इस जिले से राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी और टेबल टेनिस खिलाड़ी लगातार उभर रहे हैं. यह संकेत है कि वह दिन दूर नहीं जब कोंडागांव को प्रदेश की खेल राजधानी के रूप में भी जाना जाएगा.
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