छत्तीसगढ़ धान की खेती के लिए मशहूर यह बात सभी जानते है लेकिन बहुत ही कम लोग इस बारे में जानते होंगे कि पिछले कुछ सालों से यहां पर नारियल की खेती काफी तेजी से बढ़ी है. राज्य में हर साल किसानों को एक लाख नारियल के पौधे मुफ्त में दिए जा रहे है.
यहां पर नारियल की खेती को बढ़ावा देने हेतु साल 1987 में ही कोंडागांव जिले के कोपबेड़ा में नारियल विकास बोर्ड की शुरूआत की गई थी. इस समय छत्तीसगढ़ में 1 हजार 413 हेक्टेयर के अंदर नारियल की खेती करने का कार्य किया जा रहा है. यहां के बोर्ड के सहायक निरीक्षक ने कहा कि बहुत ही कम लोगों को ही पता होगा कि छत्तीसगढ़ में अच्छी खेती की जा रही है. साथ ही नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए हर साल बोर्ड की तरफ से किसानों को एक लाख पौधे मुफ्त में दिए जाते है.
नारियल की खेती हेतु किया जा रहा जागरूक (Awareness is being done for the cultivation of coconut)
नारियल पर रिसर्च के साथ ही किसानों को नारियल की खेती के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है. नर्सरी से 12 प्रजाति के नारियल के पौधों के साथ यहां पर हाइब्रिड पौधे भी तैयार किया जा रहे है. यह पौधे चार से छह साल के भीतर तैयार हो जाते है. एक पौधे से 3000 फल तैयार हो जाते है. अगर नारियल की बात करे तो यहां पर इसकी काफी बेहतर खपत हो रही है.
नारियल उत्पादन का आंकड़ा (Coconut production data)
वह बताते है कि नारियल विकास बोर्ड का प्रमुख उद्देश्य यहां पर नारियल की हाइब्रिड खेती करने के साथ ही लोगों को इसकी खेती के प्रति जागरूक करने से है. यह 2002 से अभी तक 16 लाख पौधे बंट चुके है.यहां की विशिष्ट पहचान के कारण तटीय इलाकों में पैदा होने वाले नारियल की सफल खेती छत्तीसगढ़ में हो रही है. पिछले आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 2011-12 में राज्य के 789 हेक्टेयर क्षेत्र में नारियल का उत्पादन हुआ था. एक साल के भीतर ही नारियल के रकबे में दोगुनी बढ़ोतरी देखी गई है.
छत्तीसगढ़ के इन जिलों में नारियल खेती (Coconut cultivation in these districts of Chhattisgarh)
छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा नारियल की खेती का उत्पादन कोंडागांव,धमतरी,कोरबा,कांकेर,जिले में हो रहा है. इसके अलावा राज्य के बीजापुर और नारायणपुर जिले में भी नारियल की खेती हो रही है. यहां पर नारियल की खेती के अलावा नारियल अनानास, नारियल कॉफी, नारियल काली मिर्च जैसी कई फसलों की खेती के बारे में जानकारी दी जाती है.
यहां के कुछ इलाकों में किसान इस प्रकार की कई नकदी फसलों का उत्पादन करने का कार्य भी कर रहे है. यहां पर भी केरल की तरह ही नारियल की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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