स्टार्टअप इंडिया, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के सहयोग से भारत सरकार के मत्स्य विभाग ने 13 जनवरी 2022 को "मत्स्य स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज" (Fisheries Startup Grand Challenge) का उद्घाटन किया है. यह चुनौती देश के स्टार्ट-अप्स (Startups) को मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के अंदर अपने अभिनव समाधानों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है.
किस उद्देश्य से शुरू किया गया ये चैलेंज (For what purpose was this challenge started?)
इस कार्यक्रम में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला (Minister of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying Shri Purushottam Rupala) के साथ और भी मुख्य मंत्री उपस्थित थे. बता दें कि विभाग का लक्ष्य 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के उद्देश्य को पूरा करके राष्ट्र निर्माण में उत्तरोत्तर योगदान देना है.
फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज का हुआ शुभारंभ (Fisheries Startup Grand Challenge launched)
इस दौरान मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र की विशाल क्षमता और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए जोर दिया गया है. मंत्री ने फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज का शुभारंभ किया, साथ ही भारत के प्रतिभाशाली और प्रबुद्ध युवा दिमागों से आग्रह किया कि वे क्षेत्रीय चुनौतियों को हल करने के लिए अपने समाधान दिखाने के लिए एक मंच के रूप में ग्रैंड चैलेंज का उपयोग करें.
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला में मुद्दों को हल करने के लिए समाधान तैयार किया जाना चाहिए. ताकि मौजूदा राष्ट्रीय औसत 3 टन से बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर कर निर्यात आय को दोगुना किया जा सके. फसल के बाद के नुकसान को 25% से 10% तक कम किया जा सके.
फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के लिए आवेदन प्रक्रिया (Application Process for Fisheries Startup Grand Challenge)
मत्स्य स्टार्टअप चैलेंज के लिए स्टार्ट-अप इंडिया पोर्टल - www.startupindia.gov.in पर आवेदन जमा करने के लिए 45 दिनों तक का समय रहेगा. फिशरीज स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज के तहत समस्या विवरण प्रस्तुत करने के लिए निम्नलिखित विषयों की पहचान करनी होगी:
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उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी/समाधानों को डिजाइन और विकसित करना ताकि मछुआरे और मछली किसान बेहतर मूल्य प्राप्ति प्राप्त कर सकें.
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बुनियादी ढांचे और कटाई के बाद प्रबंधन समाधान विकसित करना जो मछुआरों, मछली किसानों को मूल्य संवर्धन, मूल्य निर्माण और मूल्य प्राप्ति में सक्षम बनाएगा.
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व्यापार समाधान और आउटरीच गतिविधियों का विकास करना जो देश में मांस उपभोग करने वाली आबादी के बीच मछली और मछली उत्पादों को आसानी से सुलभ, स्वीकार्य और लोकप्रिय बना देगा.
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मृदा अपरदन को कम करने या रोकने के लिए स्थायी समाधान विकसित करना और मछुआरों के लिए पर्यावरण के अनुकूल समाधान विकसित करना.
फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज पर मिलने वाले पुरस्कार (Prizes to be received at the Fisheries Startup Grand Challenge)
मत्स्य विभाग ने चुनौती के लिए 3.44 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की है. चुनौती के चयनित 12 विजेताओं को उनके 'आइडिया टू पीओसी' को 2.00 लाख रुपये के नकद अनुदान से सम्मानित किया जाएगा.
अंतिम दौर में विजेताओं को उनके विचारों को प्रभावी पायलट प्रोजेक्ट के लिए 20.00 लाख रुपये और 30.00 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जो आगे चलकर व्यावसायीकरण में बदल जाएगा.
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