उत्तर बिहार में पिछले कुछ दिनों से चमकी बुखार के कारण बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा.राज्य में अब मरने वालों की संख्या बढ़कर 112 हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 18 जून 2019 को मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) का दौरा किया. जहां उन्हें बच्चों के रिश्तेदारों के विरोध का सामना करना पड़ा. क्योंकि नीतीश कुमार ने बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के प्रकोप के 2 सप्ताह बाद अस्पताल का दौरा किया था. जिस वजह से बच्चों के माता पिता का गुस्सा उन पर फूटा.
बिहार का स्वास्थ्य विभाग अभी तक इन मौतों के कारणों की पहचान नहीं कर पाया है. यह बीमारी 1 से 10 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को अपना शिकार बना रही है.अभी तक मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सबसे अधिक इस बीमारी के केस सामने आए हैं. बिहार के लगभग 12 जिले चमकी बुखार की चपेट में हैं, जिसमें मुजफ्फरपुर, वैशाली और पूर्वी चंपारण शामिल हैं.
चमकी बुखार के मुख्य लक्षण( Symptoms of Chamki fever)
मिर्गी जैसे झटके आना (जिसकी वजह से ही इसका नाम चमकी बुखार पड़ा)
बार -बार बेहोशी होना
सिर में हल्का या फिर तेज दर्द होना
अचानक बुखार हो जाना
शरीर में दर्द होना
बार - बार जी मिचलाना या फिर उल्टी होना
थकावट महसूस होना और नींद आना
पीठ में तेज दर्द और कमजोरी
इस तरह करे इसका बचाव( Precautions)
रात को बच्चों को पौष्टिक खाना अच्छे से खिलाकर सुलाएं
बच्चों को खाली पेट लीची का सेवन न करवाए
ऐसे करे इलाज(Treatments)
अगर आपको अपने बच्चे में चमकी बुखार के लक्षण दिखाई देते है तो आप बच्चों को जितना हो सके मीठे का सेवन करवाए या फिर ग्लूकोज पाउडर या चीनी को पानी में अच्छे से घोलकर पिलाए. जिससे बच्चे के खून में ग्लूकोज़ के स्तर की बढ़ोतरी होगी और दिमाग भी इस बीमारी से बच सकेगा.
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