1. Home
  2. ख़बरें

कुछ इस तरह कृषि को विकसित करेंगे युवा उद्यमी

अपने पिछले कार्यकाल में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के साथ भारत के रिश्ते को और मजबूत किया. जिसके बाद से कई व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा भी हुई है. यह देश कृषि में अत्याधुनिक तकनीकों के प्रयोग के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. इजराइल द्वारा विकसित कृषि तकनीकों को विश्व के कई देशों इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी के साथ भारत में कई इजराइली कृषि तकनीकों से अच्छा कृषि उत्पादन लिया जा रहा है.

इमरान खान
israel farming

अपने पिछले कार्यकाल में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के साथ भारत के रिश्ते को और मजबूत किया. जिसके बाद से कई व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा भी हुई है. यह देश कृषि में अत्याधुनिक तकनीकों के प्रयोग के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. इजराइल द्वारा विकसित कृषि तकनीकों को विश्व के कई देशों इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी के साथ भारत में कई इजराइली कृषि तकनीकों से अच्छा कृषि उत्पादन लिया जा रहा है. इसका पहला उदाहरण हरियाणा राज्य के घरोंदा में स्थित सेंटर ऑफ़ एक्सेसेलेन्स है. जहाँ पर पोली हाउस के अंदर इजराइली कृषि तकनीक से सब्जिया, फल और फूल उगाये जा रहे हैं, हर साल भारत का प्रतिनिधिमंडल इजराइल कुछ नया सिखने जाता है. इस बार भी झारखण्ड के रांची से युवा उद्यमियों का 38 सदस्य प्रतिनिधिमंडल इजराइल दौरे पर गया था जो हाल ही में वापस आया है.

israel farm company

झारखण्ड चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स का यह प्रतिनिधिमंडल 7 दिन के दौरे पर था जिसमें तकनीकी विकास, जल प्रबंधन, दुग्ध उत्पादन एवं कृषि के क्षेत्र में किए गए कायरें का अध्ययन किया गया .   इस दौरान भारतीय दूतावास वाणिज्य सचिव प्रमोद शर्मा ने राज्य के किसानों के लिए देशभर में संचालित मेशाव यूनिट में कृषि तकनीकों के प्रशिक्षण का प्रस्ताव भी दिया है. जिससे इजराइल की तकनीक से रांची में युवा उद्यमी कृषि का विकास कर सकते हैं. इस दौरे के दौरान चैंबर ने येरुशलम, टेल अवीव का दौरा किया. इजराइल की ड्रिप इरीगेशन तकनीक से विश्व के कई बड़े देश फायदा ले रहे हैं. भारत में भी ड्रिप इरीगेशन के विषय में किसानों को बताया जा रहा है. इसके विषय में चैम्बर के अध्यक्ष दीपक मारु ने कहा कि यदि  इस तकनीक से किसान यहां खेती करें. तो कम पानी में बेहतर खेती कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इजराइल में ड्रिप इरिगेशन से पहले मिंट्टी की कई तरह से जांच की जाती है. जिससे बाद किस मिंट्टी के लिए कितनी उर्वरक की जरूरत है. झारखण्ड चैम्बर कि इस टीम ने इजराइल में हो रहे दुग्ध उत्पादन तकनीकों का भी अध्ययन किया. उनका कहना है यदि भारत में डेयरी फार्म इजराइली तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए तो इससे दोगुना फायदा लिया जा सकता है.

इस विषय में चैंबर अध्यक्ष ने बताया कि इजराइल के डेयरी प्लांट प्रति गाय 42 किलो दुग्ध का उत्पादन होता है. उन्होंने बताया कि इजराइल में गाय के खान-पान, रहन-सहन और उनकी रोजाना कि गतिविधियों पर ख़ास ध्यान रखा जाता है. जिससे कि उनके दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलती है.इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सभी युवा उद्यमी थे.  इजराइल से लौटकर आये सभी सदस्य अब झारखंड में इजराइली कृषि तकनीकों को किसानों तक पहुंचकर यहाँ कि कृषि कि और विकसित करेंगे.

English Summary: young enterprenuers will develop the Indian Agriculture Published on: 19 June 2019, 02:25 PM IST

Like this article?

Hey! I am इमरान खान. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News