भारतीय कृषक समुदाय के लिए उनके अद्वितीय योगदान के लिए भारतीय कीटविज्ञान सोसाइटी या एटोमोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ESI) ने धानुका समूह के चेयरमैन डॉ राम गोपाल अग्रवाल को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया है. यह सम्मान भारतीय कृषि के उज्जवल भविष्य की दिशा में डॉ अग्रवाल के भागीरथ प्रयासों को रेखांकित करता है, जिनका उद्देश्य कृषि उत्पादकता, लाभ और किसानों के सामाजिक सम्मान में वृद्धि रहा है.
भारतीय कृषि को बहुआयामी बनाने के प्रति उनकी अकाट्य प्रतिबद्धता, मजबूत विश्वास, लोक-कल्याण के कार्यों और इस दिशा में अनवरत प्रयासों में उच्च-स्तर के पेशेवरों के साथ-साथ ज्यादा आजीविका और सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ खेती को गरिमापूर्ण कार्य बनाने के उपलक्ष में ईएसआई की चयन समिति ने धानुका समूह के चेयरमैन का नाम प्रस्तावित किया था.
बेंगलुरु के गाँधी कृषि विज्ञान केंद्र (जीकेवीके) में आयोजित एक समारोह में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस), बेंगलुरु के उपकुलपति डॉ एस वी सुरेश, आईसीएआर-राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो (एनबीएआईआर) के निदेशक डॉ एस एन सुशील, ईएसआई के मुख्य पैट्रन डॉ एस एन पुरी और अध्यक्ष डॉ वी वी राममूर्ति के साथ विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कीटविज्ञान के कई सम्मानित वैज्ञानिक और विद्यार्थियों की उपस्थिति डॉ अग्रवाल ने पुरूस्कार प्राप्त किया.
सदाबहार कृषि क्षेत्र के माध्यम से राष्ट्रीय सम्पन्नता के उद्देश्य के लिए डॉ आर जी अग्रवाल ने अपने पेशेवर जीवन के 55 साल समर्पित किये हैं. एक ख्यातिलब्ध समाज-कल्याणकर्ता होने के नाते उनकी परोपकारिता की परंपरा ने विभिन्न क्षेत्रों के अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. उनकी दयालुता विभिन्न कार्यक्षेत्र में दिखाई देती है, जो कि राजस्थान में तीन स्कूलों, आध्यात्मिक उन्नति के लिए वृंदावन में आश्रम, गोवर्धन में एक चैरिटेबल डिस्पेंसरी और एम्स में प्रतीक्षा कक्ष आदि में दिखती है.
इस सम्मान को स्वीकार करते हुए डॉ आर जी अग्रवाल ने ईएसआई का धन्यवाद करते हुए उसके कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की. अपने पुरस्कार भाषण में उन्होंने अपने जीवन में कृषि वैज्ञानिकों की अमिट योगदान को याद किया. डॉ अग्रवाल ने बेहतर फसल उत्पादन हेतु किसानों के लिए नये-नये समाधानों की खोज पर जोर दिया, जिससे किसानों की आय में वृद्धि की मुहिम और बल मिले. इस अवसर पर डॉ अग्रवाल ने शोध एवं विकास के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए कीटविज्ञान वैज्ञानिकों के लिए एक लाख रुपये के पुरस्कार की भी घोषणा की, जो कि अगले वर्ष से प्रारंभ होगा. विजेता वैज्ञानिक का चयन ईएसआई द्वारा गठित समिति करेगी.
इससे पहले डॉ अग्रवाल को तीन बार राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार, सीएचआई और फिक्की द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सहित कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.
Share your comments