किसानों की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में ही रोजगार उपलब्ध करने की कोशिश जारी है. जैसा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि 2022 तक किसानों की आय में वृद्धि की जाए इसके लिए कृषि क्षेत्र निजी एवं सरकारी दोनों स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. इसी मुहीम को आगे बढाने के लिए कृषि जागरण और गैर-सरकारी संगठन कम्युनिटी फ्रेंडली मूवमेंट (सीऍफ़एम) ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौता हस्ताक्षर के तहत दोनों संस्थाए एक साथ मिलकर किसानों के लिए काम करेगी. सीएफएम पिछले 12 सालों से देश के 9 से अधिक राज्यों में कार्य कर रही है. इस समझौते के तहत सीएफएम उत्तर प्रदेश के जिलों में ग्रामीण स्तर पर 700 से अधिक सेमिनार एवं किसान गोष्ठियों का आयोजन करेगी. जिसमें कृषि जागरण सक्रिय भूमिका निभाएगा. प्रत्येक किसान गोष्ठी में लगभग 50 से 60 किसान शामिल होंगे. इस तरीके कि किसान सेमीनार और गोष्ठियों के आयोजन का उद्देश्य है कि किसानों को कृषि के सही उत्पादों एवं आधुनिक तरीके से खेती करने के सही तरीको को किसानों तक पहुँचाया जा सके. यानि के इस कार्यक्रम के तहत दोनों संस्थाए लगभग 40000 से अधिक किसानों तक पहुंचेगी और उनको कृषि के सही तरीको के विषय में जानकारी देगी.
समझौता पत्र के अनुसार दोनों संस्थाए मिलकर किसानों को मजबूत बनाएगी. किसानों को सस्ता कृषि एवं उनकी जरुरत का अन्य सामान किफायती दामों पर ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्ध कराया जा सके इसके लिए सीएफएम ने दो प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. इसमें एक तो पंचायत लेवल डिपो (पीएलडी) यानी ग्रामीण स्तर के डिपो जिसके माध्यम से किसानो को ग्रामीण स्तर पर उनकी जरुरत का सामान मुनासिब दामों में उनको उपलब्ध कराया जा सकेगा. इस मॉडल के तहत यह संस्था गाँव के प्रधान से मिलकर गाँव में पीएलडी की एक फ्रैंचाइज़ी देगी. जिसमें किसानों की जरुरत का पूरा सामान स्टॉक के रूप में रखा जायेगा. सही से किसान कृषि सम्बन्धी सामान खरीद सकेंगे. इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. वही दूसरी और सीएफएम ऑनलाइन बिज़नेस की भी शुरुआत कर चुकी है. इसके माध्यम से कृषि में प्रयुक्त सामान किसानों को उपलब्ध कराया जा सकेगा. इसी बिज़नेस मॉडल तहत किसानों से उनकी फसल को खरीदकर सीधा शहरों में उपलब्ध कराई जाएगी जिससे कि मध्यस्थ का काम ख़तम हो जायेगा और किसानों को उनको फसल का वाजिब दाम मिलेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह संस्थान इस साल 10000 से अधिक ग्रामीण युवाओं को जोड़ेगी. जिससे की उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
सीएफएम के दूसरे प्रोजेक्ट के तहत स्वनिगमित पंचायत का आयोजन ग्रामीण स्तर पर किया जाएगा. इस तरीके की पंचायत आयोजन के अंतर्गत किसानों को आधुनिक कृषि तकनीको के विषय में उनको जागरूक किया जाएगा. स्वनिगमित पंचायत के तहत किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर ज़ोर रहेगा. इस तरीके कि पंचायतों की शुरुआत सीएफएम उत्तर प्रदेश से कर चुका है. कृषि जागरण और सीएफएम साथ मिलकर काम करेगी. जिसमें कृषि जागरण इस कार्यक्रम में किसानों को कृषि सम्बन्धी आधुनिक तकनीकों के विषय में जानकारी उपलब्ध कराएगी. इस समझौता हस्ताक्षर के दौरान सीएफएम की तरफ से सौरभ के घोष, को-फाउंडर, सीएफएम, सचिन एवं सोनिया उपलब्ध रहे वही कृषि जागरण की ओर से एडिटर इन चीफ एम.सी. डोमिनिक, रत्ना एम.शरण, वाईस प्रेसिडेंट (स्पेशल इनिशिएटिव ), चंद्रमोहन, वी.पी. स्पेशल इनिशिएटिव, हर्ष कपूर, सीनियर मैनेजर(स्पेशल स्ट्रेटेजिक अलायंस) और कृषि जागरण की टीम मौजूद रही.
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