सातवें वेतन आयोग के तहत खुशखबरी का इंतजार कर रहे कई केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पिछला साल कुछ खास नहीं रहा. लेकिन यह साल खास होने वाला है. क्योंकि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन में बढ़ोतरी करने के लिए तैयार है. इतना ही नहीं केंद्र सरकार लाखों कर्मचारियों के लंबित सभी बकाया राशि को भी दे सकती है. इस आदेश के लागू होने के बाद, तक़रीबन 9 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को उनके मूल न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी मिलेगी. यह बढ़ोतरी सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सेवा चयन बोर्ड (SSB), भारतीय रेलवे कर्मचारियों, आईटीएस और उन लोगों के लिए लागू होगी है जो बीएसएनएल की प्रतिनियुक्ति पर हैं.
बता दे कि केंद्र कि ओर से यह कदम बीएसएनएल कर्मचारियों के वेतन वृद्धि और पदोन्नति और पेंशन संशोधन की मांग के विरोध में तीसरे वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार आया है. यह उनके अनुसार हर 10 वर्ष में लागू होता है. उनकी मांगों को बजट सत्र 2019-20 में ही पेश किए जाने की संभावना है. वही दूसरी ओर कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जो प्रोत्साहन में पांच गुना वृद्धि की बात करती है.
प्रोत्साहन निम्नलिखित पर लागू होगा
पीएचडी या उसके समकक्ष डिग्री हासिल करने वालों को : 30,000 रुपये
पीजी डिग्री/डिप्लोमा 1 वर्ष से अधिक की अवधि या समकक्ष डिग्री हासिल करने वालों को : 25,000 रुपये
पीजी डिग्री/1 वर्ष से कम अवधि के डिप्लोमा या समकक्ष डिग्री हासिल करने वालों को : 20,000 रुपये
डिग्री/डिप्लोमा 3 साल से अधिक की अवधि या समकक्ष डिग्री हासिल करने वालों को : 15,000 रुपये
डिग्री/3 वर्ष से कम की अवधि के डिप्लोमा या समकक्ष डिग्री हासिल करने वालों को: 10,000 रुपये
भले ही उदासी और दुख के बीच, यह खबर लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए कुछ राहत भरी खबर है.लेकिन केंद्रीय कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं होंगे, क्योंकि केंद्रीय सरकारी कर्मचारी 26,000 रुपये की मांग कर रहे हैं और सातवें वेतन आयोग ने मूल न्यूनतम वेतन में 18,000 रुपये की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी.
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