भारत में कानून सबके लिए बराबर है. कोई भी इस कानून से नहीं बड़ा है. अगर कोई इन कानून के विरुद्ध जाएगा, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने हेतु प्रावधान भी किए गए हैं. इसी तरह फिछले कुछ दिनों से कई कंपनियां नियमों के विरूद्ध जाकर कुछ अनैतिक काम कर रही थी. वहीं, यह पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद ‘भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग’ ने जर्मन कंपनी BASF समेत कई कंपनियों पर छापे मारे हैं.
जानिए पूरा मामला
दरअसल, यह छापे इन कंपनियों पर इसलिए मारे गए, क्योंकि इन पर आरोप है कि इन्होंने गोलबंदी कर कई सब्जियों के बीज दाम बढ़ा दिए. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से मिली खबर के मुताबिक, सीसीई ने बीएएसएफ इंडिया और तीन अन्य गुरुग्राम, बेंगलुरु और हैदराबाद स्थित दफ्तरों पर छापे मारे गए.
वहीं, BASF INDIA की प्रवक्ता ने सीसीई द्वारा छापे मारने पर कहा कि, ‘अभी हम इस बात की पुष्टि करने में लगे हैं कि आखिर इस छापे की वजह क्या है? उन्होंने कहा कि ‘हम कानून और बिजनेस एथिक्स को अपनाते हैं, इसलिए अधिकारियों की हर तरह से सहायता करेंगे’.
सूत्रों के अनुसार, बीएएसएफ ने बताया कि ‘’उसका सब्जी बीज व्यवसाय "एक अलग कानूनी इकाई के तहत रखा गया है, यानी नुनहेम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जो बीएएसएफ एसई, जर्मनी की 100% सहायक कंपनी है और बीएएसएफ इंडिया लिमिटेड का हिस्सा नहीं है।"
भारतीय स्पर्धा आयोग ने अभी तक इस संदर्भ में कोई जानकारी जारी नहीं की है, लिहाजा अभी तक इसे लेकर कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई. अब ऐसे में आगे चलकर क्या कुछ जानकारी सामने आती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. सीसीआई ने के मुताबिक , पिछले कई दिनों से शिकायत आ रही थी कि यह कंपनियां आपस में ही सब्जियों के बीजों के दाम तय कर ले रहे हैं, जिसके बाद आयोग की तरफ से कंपनियों के खिलाफ यह कदम उठाया गया है.
अब ऐसे में आगे चलकर यह पूरा मामला क्या रूख अख्तियात करता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन तब तक के लिए आप कृषि क्षेत्र से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम
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