प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने तालचर फर्टिलाइजर लिमिटेड (टीएफएल) में गैस आधारित फर्टिलाइजर परियोजना शुरू करने के लिए राष्ट्रिय केमिकल एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड (आरसीएफ) की ओर से 1033.54 करोड़ रुपये (+/-) के इक्विटी निवेश करने के उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निवेश राशि परियोजना की कुल लागत का 29.67 प्रतिशत होगी।
तालचर परियोजना के फिर से चालू होने से देश के उर्वरक क्षेत्र में सार्वजनिक उपक्रम के जरिए सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर निवेश सुनिश्चित होगा। इससे देश के पूर्वी क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं पैदा होने के साथ ही संबंधित राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उर्वरक इकाई के बहाल होने से स्वदेशी स्तर पर यूरिया का उत्पादन बढ़ेगा, जिससे यूरिया के क्षेत्र में देश ज्यादा आत्मनिर्भर हो जाएगा।
तालचर फर्टिलाइजर लिमिटेड (टीएफएल) गेल, राष्ट्रीय कैमिकल्स एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड, और एफसीआईएल का संयुक्त उपक्रम है। इसका गठन नवम्बर 2015 में किया गया था। इसमें गेल, आरसीएफ और सीआईएल में से प्रत्येक की 29.67 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि 10.99 प्रतिशत हिस्सेदारी एफसीआईएल की है। ये कंपनियां मिलकर टीएफएल को फिर से खड़ा करना चाहती हैं। टीएफएल का गठन ओडिशा के अंगुल जिले में तालचर में गैस आधारित उर्वरक संयंत्र लगाने के लिए किया गया है। गेल और सीआईएल महराष्ट्र की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हैं। इन कंपनियों के बोर्ड को टीएफएल में इक्विटी निवेश की मंजूरी देने का पूरा अधिकार है। आरसीएफ एक मिनी रत्न कंपनी है। कंपनी बोर्ड के पास इक्विटी निवेश के अनुमोदन के वित्तीय अधिकार नहीं हैं।
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