भारत में लंबे समय से गेहूं, धान, और गन्ने जैसी पारंपरिक फसलों की खेती हो रही है. इन फसलों के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित किया हुआ है, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके. हालांकि, परंपरागत खेती से मुनाफा सीमित रहता है, जिसके चलते कई किसान अब ऐसे नए विकल्प तलाश रहे हैं जो अधिक आय और स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकें. ऐसे किसान इस रबी सीजन में काले गेहूं की खेती पर विचार कर सकते हैं. काले गेहूं की खेती न सिर्फ आर्थिक रूप से लाभदायक है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक फायदेमंद मानी जाती है. आइए जानते हैं काले गेहूं की खेती (Black Wheat Farming) और इसके फायदों के बारे में विस्तार से:
काले गेहूं के फायदे (Benefits of Black Wheat)
काले गेहूं को साधारण गेहूं से अलग बनाता है इसके पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत होना. इसमें प्रोटीन, एंटीऑक्सिडेंट्स, फाइबर, मैग्नीशियम, और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. यह खास तौर पर डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड शुगर स्तर नियंत्रित रहता है. इसके अलावा, काले गेहूं में मौजूद एंथोसाइनिन नामक तत्व कैंसर से लड़ने में भी सहायक माना जाता है.
काले गेहूं की उत्पत्ति और बाजार में मांग (Origin and Market Demand)
काले गेहूं को पंजाब के मोहाली स्थित नेशनल एग्री-फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (NABI) के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है. इसके सीमित उत्पादन और उच्च मांग के कारण इसका बाजार मूल्य साधारण गेहूं से कई गुना अधिक होता है, जिससे इसकी खेती किसानों के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हो रही है.
काले गेहूं की खेती कब और कैसे करें? (When and How to Grow Black Wheat?)
काले गेहूं की खेती मुख्यतः मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, और उत्तर प्रदेश में की जाती है. इसकी बुआई के लिए सबसे उपयुक्त समय नवंबर का महीना है, हालांकि कुछ किसान इसे दिसंबर के पहले सप्ताह तक भी बो सकते हैं. इसकी खेती साधारण गेहूं की तरह ही की जाती है, लेकिन फसल की अच्छी उपज के लिए मिट्टी के पोषण और जल निकासी का उचित प्रबंधन जरूरी है.एक बीघे में काले गेहूं की पैदावार 1,000 से 1,200 किलो तक हो सकती है, जो साधारण गेहूं की तुलना में कम है, लेकिन इसका बाजार मूल्य इसे अत्यधिक लाभकारी बनाता है.
काले गेहूं की खेती कैसे शुरू करें? (How to Start Black Wheat Farming?)
काले गेहूं की खेती शुरू करने के लिए किसानों को प्रमाणित संस्थानों से उपयुक्त बीज प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. यह बीज विशेष रूप से उन्नत किस्म के होते हैं, जिन्हें ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है. खेत की तैयारी और देखभाल साधारण गेहूं की तरह ही की जाती है, लेकिन फसल की कटाई के बाद इसे उपयुक्त भंडारण सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है, ताकि बाजार में ऊंचे दामों पर इसे बेचा जा सके. काले गेहूं की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर बड़ी फूड प्रोसेसिंग कंपनियों और स्वास्थ्य उत्पाद निर्माताओं के बीच, जिससे इसे बेचना भी आसान हो जाता है.
काले गेहूं की खेती में मुनाफा (Profit in Black Wheat Farming)
काले गेहूं का बाजार मूल्य साधारण गेहूं से चार गुना तक अधिक होता है. यह बाजार में 7,000 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल बिकता है, जबकि साधारण गेहूं की कीमत 2,000 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल तक होती है. हालांकि, काले गेहूं की उत्पादन लागत थोड़ी अधिक होती है, लेकिन ऊंचे बाजार मूल्य के कारण इसका मुनाफा भी अधिक होता है.
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