बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का सोमवार को पटना में निधन हो गया. नरेंद्र सिंह बिहार के राजनीति के वो सूत्रधार थे, जिन्हें कभी भूलाया नहीं जा सकता है. अब वो हमारे बीच नहीं रहें, लेकिन उनकी कुछ ऐसी बातें हैं, जो आज भी याद की जाएंगी. तो चलिए जानते हैं उनके बारे में 5 बड़ी बातें...
बिहार के तीनों राजनीतिक दिग्गजों के साथ किया काम
जमुई जिले के रहने वाले पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह बिहार के उन कुछ राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने राज्य के तीनों राजनीतिक दिग्गजों (नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और दिवंगत रामविलास पासवान) के साथ काम किया और कई मौकों पर उनका सहयोग किया.
बिहार सरकार में कई बार बने मत्री
1970 से सक्रिय रूप से राजनीति में रहने वाले समाजवादी नेता नरेंद्र सिंह लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की सरकार में कई बार अलग-अलग मंत्री पदों पर विराजमान हुए.
जेपी आंदोलन के प्रमुख नेता थे नरेंद्र सिंह
जमुई की जान कहे जाने वाले नरेंद्र सिंह को 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हो रहे "जेपी आंदोलन" से पहचान मिली. उस वक्त नरेंद्र सिंह और लालू प्रसाद यादव की दोस्ती की चर्चा पूरे देशभर में हुआ करती थी. नरेंद्र सिंह देश के सबसे बड़े छात्र आंदोलन से उभरने वाले प्रमुख राजनीतिक नेताओं में से एक है. कहा जाता है कि साल 2005 में जब बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनी थी, तब नीतीश कुमार को समर्थन देने वाले नरेंद्र सिंह ही थे.
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जमुई की जान थे नरेंद्र सिंह
नरेंद्र सिंह बिहार के जमुई और बांका क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध उच्च जाति के राजपूत राजनेताओं में शुमार थे, इसलिए उन्हें जमुई की जान भी कहा जाता है. नरेंद्र सिंह पूर्व मंत्री और स्वतंत्रता सेनानी श्री कृष्ण सिंह के पुत्र थे.
किसानों और मजदूरों के नेता थे नरेंद्र सिंह
नरेंद्र सिंह किसानों और मजदूरों के नेता कहे जाते थे. यही वजह है कि बिहार सरकार में मंत्री रहते नरेंद्र सिंह को कृषि क्षेत्र को बेहतर करने के लिए सम्मानित भी किया गया था. हाल के दिनों में नरेंद्र सिंह ने किसानों की समस्या के निदान के लिए खुद को केंद्रित भी कर लिया था और वो लगातार किसानों व मजूदरों के हित के लिए बिहार और दिल्ली की वर्तमान सरकार से सवाल करते रहते थे.
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