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मानसून की शुरूआत होते ही किसान खरीफ फसलों की खेती करने में जुट जाते हैं. ऐसे में बिहार सरकार एक नई शुरुआत करने जा रही है, जिसके तहत किसानों को कम लागत में ज़्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा. इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्देश्य ये है कि अधिक से अधिक किसानों को खेती-किसानी की वैज्ञानिक जानकारी के साथ ही सरकार की योजनाओं की जानकारी भी मिल सके, ताकि किसान इन योजनाओं का लाभ उठा सकें.
प्रत्येक पंचायत में किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण
बिहार सरकार की इस योजना के तहत पंचायत स्तर पर किसान चौपालों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति, कृषि यंत्रीकरण के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा किसानों को मिट्टी की जांच के आधार पर उर्वरक का प्रयोग, समय से फसल की बवाई, फफूंदनाशी, कीटनाशी, बीजोपचार, सिंचाई प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण आदि की जानकारी दी जाएगी.
इतने किसानों को दी जाएगी ट्रेनिंग
मीडिया में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बिहार की सभी 8,405 पंचायतों में इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का अयोजन किया जाएगा. जिसमें किसानों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा. आपको बता दें कि यह कार्यक्रम जुलाई के पहले सप्ताह से लेकर 20 जुलाई तक चलने वाला है और इस कार्यक्रम में आयोजित प्रत्येक चौपाल में 250 किसानों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
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किसानों इस प्रकार की जानकारी दी जाएगी
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सबसे पहले किसानों को खेती-किसानी पर जलवायु परिवर्तन के कारण पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के समाधान के बारे में बताया जाएगा.
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किसानों को जैविक खेती के साथ-साथ आय के दूसरे साधनों के बारे में भी बताया जाएगा.
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बागवानी फसलों को लेकर किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
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दलहनी व तिलहनी फसलों को लेकर किसानों को प्रोत्साहन व प्रशिक्षण दिया जाएगा.
किसानों को इस प्रशिक्षण से होने वाले लाभ
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किसान चौपाल में ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से किसानों को खरीफ फसल की बुवाई के वैज्ञानिक तरीकों के बारे में बताया जाएगा, ताकि वह कम लागत में ज्यादा पैदावार प्राप्त कर सकें.
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इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद किसान की कम लागत में ज्यादा मुनाफा होगा.
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कीटों और रोंगों से होने वाले नुकसान से बचने के उपाय बताए जाएंगे, जिससे रोगमुक्त फसल का उत्पादन हो सकेगा.
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