आज के समय में जैविक खेती की मांग काफी बढ़ गई है। आज हर कोई ऐसा सामान खरीदना चाहता है जो जैविक हो जिससे शरीर को नुकसान कम हो। आज हम दोबारा जैविक खेती की ओर मुड़ने लगे है। जैविक खेती से ना सिर्फ उपभोक्ता को फायदा होता है बल्कि किसान को भी इसमें अच्छे दाम मिल जाते है। किसान अब जैविक खेती करके काफी खुश है। उनका मानना है कि शुरू में जैविक खेती करने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है लेकिन थोड़े सयम बाद ये अच्छा रिटर्न देती है।
अब सरकार भी जैविक खेती की ओर ध्यान देने लगी है। सरकार समय-समय पर किसानों को प्रेरित करती है और इस पर अच्छा खर्च भी करती है। इसी के मद्देनजर अब बिहार सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए गंगा किनारे जैविक गलियारों का विकास करेगी। सरकार इसके साथ राजमार्गों के आस-पास गांवों में भी जैविक खेती पर ध्यान देगी। बिहार सरकार अगले पांच सालों में 1.55 लाख करोड़ इस पर खर्च करेगी। जिससे किसानों को काफी फायदा होगा।
सरकार इसके साथ किसानों को किसानों को बाजार उपलब्ध कराने पर भी मोटा खर्च करेगी। वहीं, सिंचाई पर भी राज्य सरकार अगले पांच साल में 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगी। इसके तहत नलकूपों पर राज्य सरकार अगले पांच साल में 25,777 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं, जल संसाधन विभाग के लिए राज्य सरकार ने 24,614 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इसके साथ ही सरकार नए बीजों और जैविक खाद को बढ़ावा देने पर कृषि विभाग 21,612 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
- दीपशिखा सिंह
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