बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 23 अक्टूबर को रबी महाभियान रथ को हरी झण्डी दिखाकर रबी महाअभियान-सह-किसान चौपाल का शुभारंभ किया जाएगा.
इस अभियान के तहत बिहार में खेतिहर किसानों को खेती की नई विधि और नई फसल के बारे में जागरुक करने की शुरुआत की जा रही है.बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, रबी मौसम में फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत् अनुदान उपलब्ध कराने हेतु इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए जिला, आने वाले दिनों में प्रखंड स्तर पर रबी महाभियान का आयोजन किया जायेगा.
बिहार में चलेगा रबी रथ
बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 23 अक्टूबर को रबी महाभियान सह किसान चौपाल का शुभारंभ किया जाएगा. रबी महाभियान रथ को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हरी झंड़ी दिखाकर रवाना करेंगे. इस मौके पर सभी पदाधिकारी भी मुख्यमंत्री के साथ मौके पर शामिल रहेंगे. 21 अक्टूबर को सभी जिला मुख्यालयों में जिला स्तरीय रबी कर्मशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. इस कार्यक्रम में रबी मौसम में की जाने वाली फसलों की खेती एवं अन्य कृषि कार्य के लिए जिला एवं प्रखण्डस्तरीय पदाधिकारियों तथा प्रसार कर्मियों को लक्ष्य की जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जायेगा. जिससे बिहार के किसानों को रबी मौसम में की जाने वाली फसलों की खेती के बारे में पूरी और सही जानकारी मिले. जिस वजह से पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने का काम बिहार सरकार कर रही है.
इसके बाद 25 अक्टूबर से 09 नवम्बर तक राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों में प्रखण्डस्तरीय प्रशिक्षण-सह-रबी कर्मशाला का आयोजन किया जायेगा. साथ ही, इस अवधि में राज्य के सभी पंचायतों में किसान चौपाल कार्यक्रम का आयोजन भी किया जायेगा.
इस महाभियान के माध्यम से किसानों को तेलहन, दलहन, मक्का के साथ-साथ बागवानी फसलों, गेहूँ के बीज/उपादान तथा कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा.इस कार्यक्रम के तहत किसानों को बागवानी करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा लाभार्थी किसान को कृषि की उन्नत तकनीक एवं विभागीय योजना में देय अनुदान के संबंध में जानकारी एवं प्रशिक्षण दी जाएगी तथा उनके बीच विभिन्न योजनाओं के तहत् अनुदानित दर पर उपादान का वितरण भी किया जाएगा.
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दूसरी तरफ सरकार की कोशिश है कि गेहूँ के उत्पादन में वृद्धि लाने हेतु समय से गेहूँ की बोआई के लिए जीरो टिलेज तकनीक से खेती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. राज्य में खाद्य तेलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तेलहनी फसलों की खेती होती है. इनके उच्चश्रेणी एवं उत्पादकता को बढ़ाने की पर्याप्त संभावनाएँ हैं.साथ ही, अन्य खाद्यान्न फसलों के साथ तेलहनी फसलों की मिश्रित खेती कर इसके उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
नहर के वैसे क्षेत्र, जहाँ कम पानी रहने की संभावना बनी है, वहाँ तेलहनी फसलों की खेती की जाये. समेकित कीट-व्याधि प्रबंधन, प्रत्यक्षण एवं कृषक प्रशिक्षण कराकर तेलहनी फसलों की खेती में अपनायी जाये.
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