गाय और भैंस पालन करने वालों के लिए बड़ी खबर है. दरअसल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देशभर के कई शहरों और गांव के भीतर अब डेयरी फार्म और गौशाला खोलने की इजाजत नहीं मिलेगी. खबरों के मुताबिक, अब डेयरी फार्म और गौशाला शहरों और गांव की सीमा से 200 मीटर की दूरी पर खोलने की इजाजत मिलेगी. पर्यावरण हितों की अनदेखी कर देशभर में चल रहे डेयरी फार्म और गौशालाओं ने होने वाले वायु और जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने रा्ष्ट्रीय हरित अधिकरण को यह जानकारी दी है.
डेयरी फार्म और गौशाला 200 मीटर की दूरी पर खोलने की मिलेगी इजाजत (Dairy farm and cowshed will be allowed to open at a distance of 200 meters)
खबरों के मुताबिक, एनजीटी प्रमुख जस्टिस ए.के. गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने डेयरी फार्म और गौशाला के नियमन के लिए तैयार की गई दिशा-निर्देश पेश करते हुए सीपीसीबी ने यह जानकारी दी है. नई दिशा-निर्देश के मुताबिक, शहर हो या गांव, जहां लोग रहते होंगे यानि आबादी होगा, उससे 200 मीटर की दूरी पर डेयरी फार्म और गौशाला खोलने की इजाजत मिलेगी. इतना ही नहीं, नदी, तालाब, झील के अलावा अस्पताल और शिक्षण संस्थानों से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर ही कोई डेयरी फार्म या गौशाला खोल सकता है. इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग और नहरों से 200 मीटर की दूरी पर खोलने की इजाजत होगी.
डेयरी फार्म और गौशाला खोलने के लिए लेनी पड़ेगी इजाजत (Permission will have to be taken to open dairy farm and Gaushala)
गौरतलब है कि सीपीसीबी की तरफ से जारी नए दिशा-निर्देश के मुताबिक, नगर निगम व अन्य स्थानीय निकायों से इसके लिए वायु और जल अधिनियम के तहत इजाजत भी लेनी होगी. बता दें, कि एनजीटी ने गौशाला और डेयरी फार्म खोलने और इसके नियमन के लिए जारी दिशा-निर्देश को मंजूरी देते हुए इसे लागू करने की हरी झंडी दे दी है.
बाढ़ संभावित इलाकों में डेयरी फार्म खोलने की इजाजत नहीं (No permission to open dairy farm in flood prone areas)
सीपीसीबी की ओर से जारी-दिशा-निर्देश के तहत अब उन इलाकों में डेयरी फार्म या गौशाला खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती जहां बाढ़ आने की संभावना होती है. उन इलाकों में भी डेयरी फार्म या गौशाला खोलने पर पाबंदी रहेगी जहां पर महज 10 से 12 फीट पर ही भूजल मौजूद है. यह कवायद भूजल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए किया गया है.
21 राज्यों ने नई दिशा-निर्देश को लागू करने पर दी है सहमति (21 states have agreed to implement the new guidelines)
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सीपीसीबी ने एनजीटी को बताया है कि 21 राज्यों ने अब तक नई-दिशा निर्देश को लागू करने की सहमति दे दी है और इसे लागू करने की कवायद भी शुरू कर दिया है. नये नियम को लागू करने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों ने सहमति दी है. जबकि बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है.
गौशाल/डेयरी फार्म के लिए पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य (Registration for Gaushala / Dairy farm will be mandatory)
गौरतलब है कि नये नियम के लागू होने के बाद डेयरी फार्म व गौशाला का स्थानीय निकायों में पंजीकरण कराना जरूरी होगा. इसके साथ ही स्थानीय निकाय गौशालाओं में नियमों का पालन हो रही है या नहीं इसका न सिर्फ औचक निरीक्षण करेगी बल्कि 6 माह आडिट भी करेगी. यह काम राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में होगा. गौशाल/डेयरी फार्म को 5 श्रेणी में बांटा गया है. सबसे छोटी श्रेणी में कम से कम 25 गाय/भैस होना जरूरी है.
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