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यूपी सरकार ने किया दावा, प्रदेश में अब तक 4 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीद

चुनावी मौसम में देश की हर व्यवस्था सही और सुचारु ढंग से काम करने लगती है. यह समाज में एक प्रकार की धारणा बन गयी है कि चुनाव से पहले जनता हर काम सरकार से करवा सकती है, लेकिन क्या इससे समाज का विकास संभव है?

प्राची वत्स
Paddy
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चुनावी मौसम में देश की हर व्यवस्था सही और सुचारु ढंग से काम करने लगती है. यह समाज में एक प्रकार की धारणा बन गयी है कि चुनाव से पहले जनता हर काम सरकार से करवा सकती है, लेकिन क्या इससे समाज का विकास संभव है?

सरकारें जनता की सेवा या यूँ कह लें जनता की आवाज बनकर 5 साल के लिए आती है, लेकिन काम महज 2-4 महीने ही करती है. इसका खासा असर देश के मध्यम वर्गी और गरीबों पर पड़ता है. सरकार किसी की भी हो, जनता के प्रति सबका व्यवहार एक जैसा ही होता है. यही हाल इन दिनों उत्तर प्रदेश का देखा गया है. चुनावी मौसम में प्रदेश और उसकी सत्ता पार्टियां बदली-बदली नजर आने लगी हैं.                                                                                                       

बता दें कि यूपी में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और विपक्ष ने सत्ता पार्टी पर तंज कसना शुरू कर दिया है. विपक्ष का मानना है कि किसान आंदोलन के कारण सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को नुकसान पहुंचेगा. इन सबके बीच बीजेपी ने एक बार फिर किसानों के तरफ मदद का हाथ बढ़ाते हुए किसानों को अपने तरफ करने का प्रयास कर रही है.

वहीं योगी सरकार ने ढंके की चोट पर वादा करते हुए पुरे प्रदेश से कहा कि यूपी सरकार का दावा है कि 2021-22 में खरीफ के विपणन सत्र में अब तक 54 हजार से अधिक किसानों से एमएसपी पर लगभग चार लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है.

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को किसानों के उत्पादन को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. सीएम ने इस बैठक में आला अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के उत्पादन की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के लिए एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार समेत सभी प्रमुख अधिकारी प्रतिदिन खरीद केंद्र का निरीक्षण करें. जिला स्तर पर तैनात नोडल अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि खरीद पारदर्शी प्रक्रिया से हो. उन्होंने कहा कि किसानों की जरुरतों का पूरा ध्यान रखा जाए.

सीएम की इस बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आयुक्त सौरभ बाबू ने बताया कि एजेंसियों ने अब तक किसानों से 711.90 करोड़ रुपये मूल्य के 3.66 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य सरकार की एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम ने 54609 से अधिक किसानों से खाद्यान्न की खरीद की. है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य सरकार की एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम ने 54609 से अधिक किसानों से खाद्यान्न की खरीद की.

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इसके साथ ही किसानों से खाद्यान्न की खरीद की. बता दें कि किसानों से सीधी खरीद की सुविधा के लिए राज्य के 75 जिलों में कुल 4020 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. अधिकारियों ने सीएम की बैठक में ये जानकारी दी गई कि किसी भी तरह के मौसम में उत्पाद को बचाने के लिए उचित व्यवस्था की गई है. गेहूं खरीद की तर्ज पर पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से खरीद की जा रही है.

इस खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) के दौरान धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित करने के लिए किसानों के खेतों पास खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं. इस सीजन में धान बढ़े हुए एमएसपी पर खरीदा जा रहा है. अधिकारियों का दावा है कि तय मूल्‍यों के अनुसार आम धान की खरीद 1960 रुपये प्रति कुंतल की दर से की जा रही है.

English Summary: Big claim of UP government, 4 lakh metric tonnes of paddy has been procured in the state so far Published on: 16 November 2021, 02:26 PM IST

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