कहते हैं कि कड़ी मेहनत,दृढ़ संकल्प और लगातार प्रयास किया जाए, तो इंसान कुछ भी कर सकता है. इसका ही जीता-जागता उदाहरण आरपी ग्रुप ऑफ कंपनी के चेयरमैन बी रवि पिल्लई (B. Ravi Pillai) हैं, जो इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं.
सुर्खियों में इसलिए हैं, क्योंकि वो 100 करोड़ रुपये की कीमत वाले एयरबस एच-145 हेलीकॉप्टर के पहले भारतीय मालिक बन गए हैं. इन्होंने जो एयरबस हेलीकॉप्टर खरीदा है, वह ना सिर्फ भारत का पहला है, बल्कि एशियाई महाद्वीप में पहला पांच-ब्लेड वाला H-145 हेलीकॉप्टर होने का खिताब भी अपने पास रखता है. तो चलिए इस लेख में जानते है कि कैसे एक मामूली किसान का बेटा अरबपती बन गया...
किसान के बेटे है रवि पिल्लई
2 सितंबर 1953 को केरल के चवरा गांव में रवि पिल्लई का जन्म हुआ था. रवि पिल्लई के पिता किसान थे और उनका पूरा परिवार किसानी के जरिए ही अपना भरण पोषण करता था. रवि पिल्लई बचपन से ही शिक्षा की ओर ज्यादा रुचि रखते थे. ऐसे में उन्होंने स्थानीय कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद कोच्चि यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की.
उधार लेकर शुरू किया था बिजनेस
पढ़ाई पूरी करने के बाद रवि की हमेशा से चाहत थी कि वो खुद का व्यवसाय स्थापित करें, लेकिन इसके लिए उनके पास पैसे नहीं थे. हालांकि, वो हार मानने वालों में से नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए एक करजा देने वाले स्थानीय व्यक्ति से 1 लाख रुपये कर्जा लिया और अपनी चिट-फंड कंपनी शुरू की.
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इस दौरान उन्होंने अपने बिजनेस से पैसे कमा कर अपना उधार चुकाया और मुनाफे के पैसे को जमा करते रहे. इसके बाद उन्होंने खुद के पैसे से एक कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू की.
बिजनेस शुरू करने के बाद रवि पिल्लई के जीवन में कई उतार चढ़ाव आए, लेकिन वो हार नहीं मानें और आगे बढ़ते रहे. एक रिपोर्ट की मानें, तो आज वो 2.5 मिलियन डॉलर के मालिक है. वहीं उनकी कंपनी में करीब 70 हजार से भी ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं.
हेलीकॉप्टर की खासियत
भारत का पहला एयरबस हेलीकॉप्टर 7 यात्रियों और पायलट को ले जाने की क्षमता रखता है. साथ ही ये हेलीकॉप्टर समुद्र तल से 20 हजार फीट की ऊंचाई से भी उतरने और टेकऑफ करने में सक्षम है.
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