कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने चालू वित्तीय वर्ष में अब तक निर्यात किए गए कृषि उत्पादों के आंकड़े जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में भारतीय कृषि उत्पादों का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत बढ़ा है. एक साल पहले की अवधि तक यह निर्यात 11.06 बिलियन डॉलर था, इस वर्ष यह बढ़कर 13.77 बिलियन डॉलर (करीब ₹1,07,942 करोड़) हो गया है.
एपीडा (APEDA) के अध्यक्ष एम. अंगामुथु के अनुसार, आने वाले वर्षों में बाजरा, इससे बने उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए विदेशों में 17 बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. विदेशी व्यापार संगठनों को देश के किसानों से सीधे उनके कृषि उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.
मक्का सहित अन्य अनाज के निर्यात में हुई 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी
मालूम हो कि घरेलू बाजार में कीमतें स्थिर रखने के लिए सरकार ने गेहूं और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के दौरान गेहूं के निर्यात में रिकॉर्ड 136 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पिछले वर्ष गेहूं का निर्यात 0.63 बिलियन डॉलर का था, इस वर्ष 1.49 बिलियन डॉलर (करीब ₹ 12288 करोड़) की वृद्धि दर्ज की गई है. मक्का सहित अन्य अनाज (चावल, गेहूं को छोड़कर) के निर्यात में पिछले वर्ष की तुलना में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. यह पिछले वर्ष 467 मिलियन डॉलर था, चालू वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 525 मिलियन डॉलर (करीब ₹43,311 करोड़) हो गया है.
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वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की ओर भारतः पीयूष गोयल
आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT) का उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल करने पहुंचे. कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था 3.5 ट्रिलियन डॉलर है. आने वाले 10 वर्षों में यह बढ़कर 10 गुना तक बढ़ जाएगी. सामुहिक प्रयासों से भारत विश्व की एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है. राज्य में कृषि, मत्स्य पालन के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र बनने की क्षमता है. कार्यक्रम में वित्त एवं कॉर्पोरेट मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं.
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