देश का विकास किसानों पर ही निर्भर करता है और उन्हें खुश रखना सरकार की ज़िम्मेदारी है और इसी संदर्भ में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से एक एक बड़ी ख़बर आ रही है. दरसअल, मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी (Chief Minister Y.S. Jagan Mohan Reddy) ने 5,97,311 किसानों के खातों में इनपुट सब्सिडी (Input Subsidy) के रूप में 542.06 करोड़ रुपये जमा किए हैं. बता दें कि जिन किसानों की पिछले साल नवंबर में फसल भारी बारिश और बाढ़ के कारण बर्बाद हो गई थी, जिसके चलते यह कदम उठाया गया है.
किसानों को ऐसे मिली आर्थिक मदद (Farmers got Financial Help)
अपने कंप्यूटर पर एक क्लिक के साथ किसानों के खातों में कुल 571.57 करोड़ रुपये जमा करते हुए आंध्र प्रदेश के किसानों (Andhra Pradesh Farmers) में बाहार आ गयी है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि "एपी एकमात्र राज्य है, जो अभिनव के माध्यम से बैंकिंग सहित सभी सेवाओं की पेशकश करके किसानों के विकास और कल्याण (Farmers Development and Welfare) के लिए काम कर रहा है'. बता दें कि उन्होंने वाईएसआर फार्म मशीनीकरण योजना (YSR Farm Mechanization Scheme) के तहत अन्य 1,220 किसान समूहों के खातों में 29.51 करोड़ रुपये जमा किए है.
किसानों को मिला अनुदान (Farmers Got Subsidy)
जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) ने बताया कि "राज्य सरकार ने पिछले ढाई वर्षों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल नुकसान के मुआवजे (Compensation for Crop Loss) के रूप में अब तक 19.93 लाख किसानों को इनपुट सब्सिडी (Input Subsidy) के रूप में 1,612 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इसके अलावा, रबी (Rabi) के दौरान नुकसान झेलने वाले किसानों को 1.21 लाख क्विंटल बीज पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया गया है".
पिछली सरकार पर क्यों साधा निशाना (Why did CM Target the Previous Government)
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इस अवसर पर, जगन मोहन रेड्डी ने पिछली सरकार पर किसानों को असमय भुगतान करने का आरोप भी लगाया है. 2018 में, टी.डी शासन (TD Govt.) ने खरीफ में 1,832 करोड़ रुपये और रबी में 356 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी का भुगतान नहीं किया था. जबकि सभी सरकारी योजनाओं से काश्तकार किसानों (Tenant Farmers) को छोड़ दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार खेतिहार समेत हर किसान के साथ खड़ी है.
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मुख्यमंत्री का कहना है कि "मार्च 2020 तक हुई फसल के नुकसान के लिए अप्रैल 2020 में 123 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी का भुगतान किया गया था. चक्रवात मुआवजे की राशि 646 करोड़ रुपये थी, जिसके कारण निवार के एक महीने के भीतर 35 लाख किसानों को लाभ हुआ है".
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जगन मोहन रेड्डी ने लोगों को याद दिलाया कि पिछली सरकार ने किसानों को फसल, बीज, बीमा, बिजली बकाया और शून्य ब्याज ऋण के लिए सब्सिडी (Subsidy for crop, seed, insurance, electricity arrears and zero interest loans to farmers) सहित बकाया राशि का एक बड़ा ढेर छोड़ दिया था.
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उन्होंने बताया कि वाईएसआरसी सरकार ने धान खरीद के लिए 960 करोड़ रुपये और बीज सब्सिडी के लिए 383 करोड़ रुपये सहित इन सभी लंबित बकाया को मंजूरी दे दी है.
किसानों की सुविधा के लिए उठाए गए ये कदम (These Steps were Taken for the Convenience of the Farmers)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वाईएसआर रायथू भरोसा स्कीम (YSR Rythu Bharosa Scheme) के तहत 19,126 करोड़ रुपये, शून्य ब्याज ऋण (Zero Interest Loan) के तहत 1,218 करोड़ रुपये, मुफ्त बिजली (Free Electricity) आपूर्ति के लिए 23,000 करोड़ रुपये और राज्य भर में बिजली फीडरों को मजबूत करने के लिए 1,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
साथ ही किसानों की समस्याओं के समाधान (Solutions to Farmers Problems) के लिए गांव, मंडल, जिला और राज्य स्तर पर कृषि सलाहकार समितियों ने काम करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा, किसानों को कृषि इनपुट (Farmer Input Subsidy) प्राप्त करने में सहायता के लिए 2,134 करोड़ रुपये की लागत से 10,750 सामुदायिक भर्ती केंद्र स्थापित किए गए हैं.
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