यह सर्वविदित सत्य है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान इस देश का अन्नदाता है, भाग्यविधाता है। कृषि का हमारी अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा योगदान है। यही कारण है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने अधिकांश नीति-निर्माण में इस सत्य को मूल आधार के रूप में रखा है। उनकी नीतियों में, उनकी योजनाओं में इस बात के साक्षात प्रमाण भी मिलते हैं कि किसानों का हित, गरीबों का हित, हाशिये पर पड़े वर्ग का हित उनके लिए सर्वोपरि है। किसानों का ध्यान में रखकर ऐसी अनेक योजनएं इस समय सफलतापूर्वक कार्यांवित हो रही हैं, जिनकी बदौलत इस देश का अन्नदाता खुद कभी भूखा नहीं सोएगा।
1- सॉयल हेल्थ कार्ड
कृषि योग्य भूमि किसी भी किसान के लिए सर्वाघिक महत्त्व रखती है, इसलिए सॉयल हेल्थ कार्ड योजना में यह सुनिश्चित किया गया है कि किसान को उसकी कृषि योग्य भूमि की गुणवत्ता, उसकी सेहत, उसकी उपजाऊ क्षमता की जानकारी आदि विविध पक्ष वैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर बताए जा सकें। साथ ही इसमें उन उपायों की चर्चा भी होती है, जिसके द्वारा मिट्टी में मौजूद दोषों को दूर करके उसकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि की जा सके।
2- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का उद्देश्य ही यह है कि ‘हर खेत में पानी।‘ शायद ही इस कारण की जटिलता को पहले किसी और सरकार ने इस गंभीरता से समझा हो, जितना मोदी सरकार ने कि भारतीय खेती की सिंचाई संबंधी निर्भरता बहुत बड़े स्तर पर वर्षा पर है। वर्षा की अनिश्चितता सीधे तौर पर फसलों के उत्पादन को प्रभावित करती है, जिससे किसान का हित प्रभावित होता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सिंचाई योजना इसी समस्या का सशक्त समाधान है।
3- प्रधानमंत्री कृषि कौशल योजना
किसी भी कार्य का व्यावसायिक तथा व्यावहारिक प्रशिक्षण उस कार्य में प्रगति की संभावनाओं को कई गुना बढ़ा देता है। प्रधानमंत्री कृषि कौशल योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान करवाना है। विशेषकर ऐसे युवाओं को, जो बीच में पढ़ाई छोड़ चुके हैं अथवा खेती से विमुख हो रहे हैं। इस प्रशिक्षण द्वारा कुशल कामगारों को विकसित किया जाता है। इसके अंतर्गत पाठ्यक्रमों में सुधार करना, बेहतर शिक्षण और प्रशिक्षित शिक्षकों पर विशेष जोर दिया गया है। प्रशिक्षण में अन्य पहलुओं के साथ व्यवहार कुशलता और व्यवहार में परिवर्तन भी शामिल है।
4- नीम कोटेड यूरिया
किसानों के हितों को दूरदर्शितापूर्वक नीति प्रदान करते हुए मोदी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण पहल की। सरकार ने सभी उर्वरक कंपनियों को सौ प्रतिशत नीम कोटेड यूरिया बनाने के दिशा-निर्देश जारी किए। इसका प्रभाव मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर भी पड़ता है और उत्पादन पर भी, जिसके सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित हैं। किसान द्वारा सामान्यत प्रयोग किया जाने वाला यूरिये का अधिकांश भाग पौधों द्वारा उपयोग किए बिना ही नष्ट हो जाता है। इस यूरिया की विशेषता है- ट्राइंटपींस तथा डीनाइट्रीफाइंग तत्त्वों की अधिकता का होना। नीम कोटेड यूरिया मिट्टी में धीरे-धीरे समावेशित उसकी गुणवत्ता को बढ़ाना। साथ ही यूरिया की बार-बार होने वाली अनुपलब्धता व कालाबाजारी की समस्या समाप्त होना। यह सिर्फ खेती के लिए किसानों को ही मिल पाती है.
5- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
किसानों के हित में बनने वाली किसी भी अन्य योजना के मुकाबले इस योजना का महत्त्व कई गुना अधिक इसलिए है, क्योंकि यह अन्य योजनाओं की समीक्षा कर, उसके गुण-दोषों की विवेचना के आधार पर बनाई गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण पहुंची क्षति को प्रीमियम के भुगतान द्वारा एक सीमा तक कम किया जा सकेगा। इसके अंतर्गत 8,800 करोड़ रुपये खर्च होंगे, ताकि किसानों के प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक कम किया जा सके। यह खरीफ और रबी की फसल के अतिरिक्त वाणिज्यिक और बागवानी फसलों को भी सुरक्षा प्रदान करेगी। खराब फसलों के विरूद्ध किसानों द्वारा दी जा रही बीमा की फसलों को बहुत नीचे रखा गया है।
6- सस्ता कर्ज उपलब्ध कराना
पहले की सरकारों द्वारा किसानों के लिए नीति के नाम पर कर्ज की ऐसी व्यवस्था की गई थी, जिसमें उन्हें नौ प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज मिलता था। मोदी शासन में ब्याज-दर को घटाकर केवल चार प्रतिशत कर दिया गया। सरकार इस स्कीम के अंतर्गत ब्याज का 5 प्रतिशत भाग किसानों को वापस करेगी। नए प्रस्ताव के अनुसार केंद्र सरकार किसानों के ब्याज में दो प्रतिशत की सब्सिडी देगी। सही समय पर कर्ज वापस करने वाले किसानों को ब्याज में 3 फीसदी की राहत अतिरिक्त रूप से दी जाएगी। इसमें 3 लाख तक के कर्ज की सुविधा भी दी गई है।
7- कृषि एप का लाभ
मौसम से जुड़ी सही-सही जानकारी को समय पर किसानों को उपलब्ध कराना इस योजना का उद्देश्य है। मौसम में बदलाव, वर्षा अथवा इस विषय से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सूचनाएं इस एप पर उपलब्ध हैं।
8- ई-कृषि मंडी योजना
कड़ी से कड़ी मेहनत और उत्पादन का कोई लाभ नहीं, यदि किसान को उसके उत्पादन के सही दाम न मिलें। यही वह विषय है, जो पूरी कृषि-प्रक्रिया का सबसे संवेदनशील पक्ष है। बिचौलियों के वर्चस्व के चलते किसानों का हित हमेशा से प्रभावित होता रहा है। इसी समस्या के समाधान के तौर पर इ-कृषि मंडी योजना की रूपरेखा तय की गई, ताकि किसान अपनी उपज के सही दाम जानकर उसी पर फसल बाजार में बेच पाएं।
9- गोकुल मिशन
वर्तमान समय में अपनी आर्थिक सुदृढ़ता बनाए रखना एक बहुत बड़ी चुनौती है। यह एक व्यावहारिक सत्य है, इसे मोदी सरकार ने भांपा और मूर्त रूप दिया। गोकुल मिशन के अंतर्गत किसानों को खेती के साथ-साथ दुग्ध-व्यवसाय जैसे वैकल्पिक उपायों के लिए भी प्रेरित किया गया है। इस एप से मिली जानकारियां उनके लिए अत्यंत लाभकारी हैं।
10- दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना
इस योजना के द्वारा पूरे ग्रामीण भारत को निरंतर बिजली का अबाधित वितरण सुनिश्चित किया गया है। इस योजना से पहले यह ग्रामीण भारत के लिए केवल एक दिवास्वप्न हुआ करता था, जिसे साकार मोदी सरकार ने किया है।
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