मनसा। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि ऋण माफ़ी योजना की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने किसानों के मुद्दों पर गलत अफवाह फैलाने को लेकर विपक्षी पार्टियों तथा कुछ किसान संगठनों की खिंचाई की। सिंह ने मनसा, बठिंडा, फरीदकोट, मुक्तसर और मोगा जिलों के 10 किसानों को सांकेतिक तौर पर ऋणमाफी प्रमाणपत्र सौंपा। इस योजना से आज करीब 47 हजार किसानों को माफी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के पहले चरण में कुल 6.53 लाख किसानों को सम्मिलित तौर पर 2,700 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी। योजना की शुरुआत करते हुए सिंह ने बरनाला में एक किसान के आत्महत्या की मीडिया रिपोर्टों का जिक्र किया। कथित तौर पर किसान ने ऋणमाफी के योग्य लोगों की सूची में अपना नाम नहीं पाए जाने पर शुक्रवार की रात आत्महत्या कर ली।
सिंह ने सूची में नाम नहीं होने के कारण ऐसी कोई घटना होने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि यह अकाली दल, आम आदमी पार्टी और कुछ किसान संगठनों द्वारा फैलाई गई अफवाह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति उससे भी बदतर है जो चुनाव के पहले कांग्रेस ने सोचा था। इसके बाद भी पंजाब में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश और कर्नाटक से अधिक ऋणमाफी दी गई है।
उन्होंने कहा कि हो सकता है तकनीकी कारणों से कुछ किसानों का नाम सूची में नहीं आ पाया हो। उन्होंने कहा कि इस ताह की शिकायतों का समाधान किया जा रहा है और लोगों को अपने संबंधित एसडीएम और डीएम के पास ये शिकायतें लेकर जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना चार चरणों में पूरी की जाएगी।
सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत 10.25 लाख किसानों को राहत दी जा रही है। इसमें सिर्फ बड़े किसानों को शामिल नहीं किया गया है। सरकार के अनुसार, पंजाब में 17.5 लाख किसान परिवार हैं।
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