कोरोना वायरस के कारण चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है, वहीं कुछ अच्छी खबरें भी सुनने में आ रही हैं. लॉकडाउन के कारण लोगों की आवाजाही लगभग पूरी तरह से ठप है, जिस कारण प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट देखी जा रही है. चीन की तरह भारत में भी लॉकडाउन के कारण हवा की गुणवत्ता में सुधार देखा जा रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक वायु की गुणवत्ता में सुधार होने का फायदा फसलों के उत्पादन पर भी पड़ेगा.
कई क्षेत्रों में सुधरा एक्यूआई
लॉकडाउन के बाद से प्रमुख भारतीय शहरों की वायु गुणवत्ता में बदलाव हुआ है. आंकड़ों का अध्ययन बताता है कि मार्च में औसतन वायु की गुणवत्ता 33 प्रतिशत अच्छी हुई है. वायु की गुणवत्ता अच्छी होने के कारण पंक्षियों की चहचहाट बढ़ गई है.
औद्योगिक क्षेत्रों से भी आई अच्छी खबर
औद्योगिक शहरों के एक्यूआई में सुधार हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट हुई है. औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी(राजस्थान) की हवा भी पहले से अधिक साफ और स्वच्छ है. भिवाड़ी का औसत एक्यूआई इस समय 42 पर आ गया है, जो लॉकडाउन से पहले 207 पर था. ये बदलाव बताता है कि हवा की गुणवत्ता में 80 फीसदी तक का सुधार हुआ है.
इसी तरह स्टील सिटी मंडी गोबिंदगढ़(पंजाब) में भी हवा पहले से साफ हो गई है. शहर में लॉकडाउन से पहले जहां एक्यूआई 117 पर था अब वो गिरकर 42 पर आ गया है. यानी हवा की गुणवत्ता 64 फीसदी तक सुधर गई है.
खुशी से झूम रही है प्रकृति
गौरतलब है कि कोरोना के डर से एक तरफ जहां इंसानों ने अपने आपको घरों में कैद कर लिया है, वहीं सड़कों पर प्रकृति मुस्कुरा रही है. मशीनों और गाड़ियों के कान फाड़ देने वाले शोर के थमते ही चारों तरफ शांति हो गई है. जानवर अधिक स्वतंत्र होकर घूमने लगे हैं. कई राज्यों की सड़कों पर तो मोर, हिरण आदि पशु-पक्षी विचरण करते हुए देखे गए.
जयपुर झालाना की सड़कों पर भी हिरणों का झुंड घूम रहा है. अचानक इनके सड़कों पर आ जाने से यहां के निवासी प्रसन्न हैं. हालांकि पुलिस को इन्हें वापस भेजने में परेशानी हो रही है.
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